धन शोधन के एक मामले में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुई. ईडी ऑफिस से बाहर निकलने के बाद मुफ्ती ने कहा कि इस देश में सरकार से असहमति दिखाने वालों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार किया जा रहा है. जो भी विरोध करते हैं या बोलते हैं उन्हें किसी केस में फंसा दिया जाता है. पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती से लगभग पांच घंटे पूछताछ चली.
उन्होंने आगे कहा कि मुझसे बिजबेहरा लैंड को लेकर पूछताछ की गई, जो मेरे पिता के नाम पर था. उसे हमने कैसे बेचा आदि? इसके अलावा उस फंड के बारे में पूछा गया जो बतौर सीएम मैंने विधवा और युवाओं के लिए खर्च किया था. मैंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया, इसलिए वो दो सालों से कुछ नहीं ढूंढ पाए. अब वे काफी निराश हो गए हैं इसलिए वो इस तरह के सवाल पूछ रहे हैं कि मेरे पिता की कब्र कैसे बनाई गई और उसपर कितना खर्च किया गया.
महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि आखिर में मेरी इच्छा के विरुद्ध, मुझपर एक स्टेटमेंट पर साइन करवाया गया. पूछताछ के दौरान रिकॉर्ड किए गए सीसीटीवी फुटेज में इस बात के साक्ष्य हैं.
To set the record straight, during the course of my questioning at ED, right from the start I insisted on not signing any statements till I consulted my lawyers. But I was shown rule books & told that not signing would have consequences.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) March 25, 2021
अधिकारियों ने बताया कि मुफ्ती धन शोधन मामले में पूछताछ का सामना करने के लिए सुबह 11 बजे राजबाग स्थित ईडी कार्यालय पहुंचीं. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष सोमवार को दिल्ली में एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुई थीं. उन्होंने कहा था कि उनके पहले से ही कुछ कार्यक्रम हैं जिन्हें रद्द नहीं किया जा सकता.
उन्होंने ईडी अधिकारियों से दिल्ली के बजाय श्रीनगर में ही पूछताछ करने का अनुरोध किया था जिसे मंजूर कर लिया गया. जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद एक साल से अधिक समय तक नजरबंदी में रहने के पश्चात 61 वर्षीय नेता को पिछले साल रिहा किया गया था. उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए नोटिस दिया गया था.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 19 मार्च को उन्हें दिए सम्मन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. उन्होंने अदालत से मामले में दिए समन को रद्द करने की मांग की थी. ईडी ने उस समय उन पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए जोर नहीं दिया था. ईडी ने इससे पहले मुफ्ती को 15 मार्च को पेश होने के लिए कहा था.
मुफ्ती ने ईडी को लिखे पत्र में कहा, 'मैं आपको 22 मार्च को आपके दिल्ली कार्यालय में पेश होने के लिए जारी समन के संदर्भ में लिख रही हूं. मैंने पीएमएलए (धन शोधन निवारण कानून) के अनुच्छेद 50 की संवैधानिक शक्तियों को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है.'
पीडीपी नेता ने कहा था, 'मैं 22 मार्च को पेश होने की स्थिति में नहीं हूं क्योंकि मेरे पहले से कुछ कार्यक्रम हैं जिन्हें इतने कम वक्त में रद्द नहीं किया जा सकता है. मैं श्रीनगर में खासतौर से अपने आवास पर या वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पूछताछ में शामिल होने के लिए तैयार हूं.'