जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को पेश होने के लिए समन भेजा है. महबूबा मुफ्ती को 15 मार्च तक ईडी के समक्ष पेश होने को कहा गया है.
सूत्रों ने आजतक/इंडिया टुडे को बताया कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती को 15 मार्च तक दिल्ली में ईडी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है, इस संबंध में नोटिस महबूबा मुफ्ती के श्रीनगर स्थित आवास पर दिया गया.
हालांकि, नोटिस दिए जाने के वक्त महबूबा घर पर नहीं थीं और फिलहाल वह अपने रिश्तेदारों से मुलाकात करने के लिए जम्मू-कश्मीर से बाहर हैं.
महबूबा मुफ्ती को यह नोटिस प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट 2002 के कई प्रावधानों के तहत दिया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को 14 महीने हिरासत में रखने के बाद पिछले साल अक्टूबर में रिहा किया गया था.
महबूबा को जारी किए गए समन पर प्रतिक्रिया देते हुए एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को एक समाचार एजेंसी से कहा कि "राजनीतिक प्रतिशोध" से जम्मू-कश्मीर में स्थिति को सुधारने में मदद नहीं मिलेगी.
फारूक अब्दुल्ला की संपत्ति अटैच
ईडी ने पिछले साल जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन घोटाले के मामले में जम्मू-कश्मीर के एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की संपत्तियों को अटैच किया था.
अटैच की गई संपत्तियों में श्रीनगर में फारूक अब्दुल्ला के गुपकार रोड पर स्थित आवास के अलावा एक तन्मर्ग और दूसरा जम्मू में शामिल है. श्रीनगर में फारूक अब्दुल्ला के स्वामित्व वाली एक कॉमर्शियल संपत्ति भी ईडी द्वारा अटैच की गई थी.
नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने ईडी के आदेश के खिलाफ जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट गए. ईडी की ओर से जेके क्रिकेट एसोसिएशन के फंड घोटाले में अब्दुल्ला से संबंधित 3 घर, 2 प्लॉट और 1 कॉमर्शियल प्रॉपर्टी अटैच की गई है. इसकी कीमत बाजार में करीब 12 करोड़ रुपये आंकी गई.
ईडी का आरोप है कि फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में अपने पद का "दुरुपयोग" किया और जेकेसीए में पदाधिकारियों की अवैध नियुक्तियां कीं.