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अफजल गुरु की पहली बरसी पर कश्‍मीर में कर्फ्यू जैसे हालात, मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी

संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की पहली बरसी पर कश्मीर घाटी के अधिकतर हिस्सों में आज कर्फ्यू जैसे हालात पैदा हो गए हैं.

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अफजल गुरु की फाइल तस्‍वीर
अफजल गुरु की फाइल तस्‍वीर

संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की पहली बरसी पर कश्मीर घाटी के अधिकतर हिस्सों में आज कर्फ्यू जैसे हालात पैदा हो गए हैं. स्‍थानीय प्रशासन ने अफजल की बरसी पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की अलगाववादियों की योजनाओं को विफल करने के लिए यह कदम उठाया है. घाटी में मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई है.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उत्तर कश्मीर में हंदवाडा को छोड़कर सभी बड़े शहरों में सुरक्षा प्रतिबंध लगाए गए हैं. यहां किसी भी विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़ी संख्या में सीआरपीएफ और पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं. सूत्रों के अनुसार श्रीनगर समेत कई जिलों में निषेधाज्ञा (सीआरपीसी की धारा 144) लागू कर दी गई है जिसके तहत चार या उससे अधिक लोगों के जुटने पर रोक है. अब तक हालात शांतिपूर्ण हैं और घाटी में किसी तरह की अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है.

घाटी में एहतियात के तौर पर मोबाइल इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई हैं. मोबाइल फोन और दूसरे प्लग-इन उपकरणों पर इंटरनेट सेवाएं रविवार तड़के बंद कर दी गईं. हालांकि, लैंडलाइन फोन के जरिये ब्रॉडबैंड कनेक्शन सामान्य रूप से काम कर रहा है. इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने की वजह अफवाहों को फैलने से रोकना बताया जा रहा है.

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अफजल गुरु को पिछले साल 9 फरवरी को दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी. अलगाववादियों ने नौ से 11 फरवरी तक तीन दिन के बंद का आह्वान किया है. 11 फरवरी को जेकेएलएफ के संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट्ट की बरसी है. भट्ट को 20 साल पहले तिहाड़ जेल में फांसी के बाद दफना दिया गया था. अधिकारियों ने गुरु की बरसी से पहले कई शीर्ष अलगाववादी नेताओं को हिरासत में ले लिया. हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी खेमे के नेता सैयद अली शाह गिलानी को शनिवार को दिल्ली से घाटी लौटने के साथ ही उनके घर में नजरबंद कर दिया गया.

लाल चौक की तरफ जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं और लोगों को लाल चौक की तरफ जाने की इजाजत नहीं दी जा रही. इस बीच, पुलिस ने यहां रविवार को अलग अलग विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की कोशिश करते समय निर्दलीय विधायक राशिद शेख और जेकेएलएफ के अध्यक्ष यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मलिक को तीन सहयोगियों के साथ हिरासत में ले लिया गया. इससे पहले मलिक हिरासत से बचने के लिए अंडरग्राउंड हो गए थे. उन्होंने ऐतिहासिक लाल चौक पर रविवार को विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की थी.

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