जम्मू कश्मीर पुलिस ने सांबा से लश्कर ए तैयबा (टीआरफ) के आतंकी जहूर अहमद राठेर को गिरफ्तार कर लिया है. राज्य पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है. राठेर पर कई संगीन आरोप हैं. वह सांबा के बाड़ी ब्राह्मणा इलाके में छिपा हुआ था. राठेर अनंतनाग के डुरू का रहना वाला है. साल 2002 में उसने हिजबुल मुजाहिद्दीन ज्वाइन किया था, जिसके बाद उसने पीओके में जाकर आतंक की ट्रेनिंग ली. इसके बाद वह राजौरी के रास्ते घुसपैठ कर भारत आया.
राठेर अपने साथ पांच और आतंकियों को भारत लाया था. साल 2006 में राठेर ने सरेंडर कर दिया था. साल 2020 में राठेर ने लश्कर ए तैयबा के संबंधी संगठन टीआरएफ का साथ पकड़ लिया. टीआरएफ में शामिल होने के बाद वह इस संगठन के लिए हत्या और आतंकियों की भर्ती किया करता था. वह अब्बास शेख नाम के शख्स के साथ मिलकर टीआरएफ चलाता था. उस पर साउथ कश्मरी में आतंकी संगठन के लिए आतंकियों की भर्ती, हथियार मुहैया कराना और कई लोगों को मौत की नींद सुलाने का भी आरोप है.
बीजेपी कार्यकर्ता और पुलिसकर्मी की हत्या का आरोप
द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के आतंकी जहूर अहमद राठेर पर कुलगाम में बीते साल तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या का भी आरोप है. इसके अलावा कुलगाम में एक पुलिसकर्मी की हत्या का भी आरोप है. राठेर को पूछताछ के लिए कश्मीर लाया जा रहा है. एक सीनियर पुलिस अधिकारी के मुताबिक, सांबा में पुलिस ने टीआरएफ के आतंकी जहूर अहमद राठेर उर्फ साहिल उर्फ खालिद को गिरफ्तार किया है.
बीजेपी के तीन कार्यकर्ता फिदा हुसैन यातू, उमर राशिद बेग और उमर रमजान हजम कुलगाम में बीते साल 29 अक्टूबर को मारे गए थे. इन तीनों की हत्या का भी कनेक्शन राठेर से है. इसके अलावा कुलगाम में ही एक पुलिसकर्मी की हत्या में शामिल होने का आरोप भी राठेर पर ही है.