हिमाचल प्रदेश की जुब्बल कोटखाई सीट से बीजेपी विधायक नरिंदर बरागटा का शनिवार सुबह निधन हो गया है. वो 69 साल के थे. कुछ दिन पहले ही वो कोरोना से ठीक होकर घर लौटे थे. संक्रमण से रिकवर होने के बाद वो पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन से जूझ रहे थे, जिसके बाद उन्हें चंडीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. उनके बेटे चेतन सिंह बरागटा ने फेसबुक पर पोस्ट कर उनके निधन की जानकारी दी है.
नरिंदर सिंह बरागटा हिमाचल सरकार में मुख्य सचेतक भी थे और पहले की सरकारों में मंत्री भी रह चुके थे. उनके बेटे चेतन ने फेसबुक पर पोस्ट कर बताया कि उनके पिता लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. उन्होंने कोरोना संक्रमण की वजह से भीड़ ना जुटाने की अपील भी की है.
कौन थे नरिंदर सिंह बरागटा?
हिमाचल विधानसभा की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, नरिंदर सिंह बरागटा का जन्म 15 सितंबर 1952 को शिमला में हुआ था. उन्होंने छात्र जीवन से ही राजनीति की शुरुआत कर दी थी. वो 1978 से 1982 तक जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे हैं. साथ ही, बीजेपी हिमाचल में कई अहम पदों पर रहे हैं.
1998 में नरिंदर सिंह बरागटा पहली बार शिमला सीट से विधायक चुने गए. पहली बार विधायक बनने के बाद ही उन्हें मंत्री भी बनाया गया था. इसके बाद 2007 में जुब्बल कोटखाई सीट से दूसरी बार विधायक बने. तीसरी बार 2017 के चुनावों में जुब्बल कोटखाई से दोबारा विधायक चुने गए.