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हिमाचल के मंडी में कुत्ते ने कैसे बचाई 67 लोगों की जान, पढ़िए, उस खौफनाक रात की कहानी

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सियाथी गांव में एक पालतू कुत्ते 'रॉकी' ने 63 लोगों की जान बचा ली. रॉकी की वजह से 22 परिवार के लोग सही सलामत हैं. ये कहानी आपका दिल छू लेगी.

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हिमाचल के मंडी में कुत्ते ने बचाई 67 लोगों की जान
हिमाचल के मंडी में कुत्ते ने बचाई 67 लोगों की जान

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सियाथी गांव में एक पालतू कुत्ते ‘रॉकी’ की समझदारी और सतर्कता ने 63 लोगों की जान बचा ली. यह हादसा 29 जून की रात को करीब 12:30 से 1:00 बजे के बीच हुआ, जब क्षेत्र में तेज बारिश के चलते अचानक भारी भूस्खलन हुआ.

जोर-जोर से भौंकने और रोने लगा रॉकी
रॉकी, लालित कुमार नामक व्यक्ति का पालतू कुत्ता है. वह घर के नीचे वाले हिस्से में सो रहा था. तभी वह अचानक जोर-जोर से भौंकने और रोने लगा, जैसे किसी खतरे का संकेत दे रहा हो. लालित कुमार ने बताया, 'मैं कुत्ते की अजीब आवाज से जागा. जब नीचे गया तो देखा कि दीवार में बड़ी दरार पड़ गई है और पानी तेजी से अंदर आ रहा है.'

घर-घर जाकर पड़ोसियों को जगाया
इस चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए लालित तुरंत दूसरी मंजिल से नीचे भागे, अपने कुत्ते को उठाया और परिवार के बाकी लोगों को जगाया. फिर वे घर-घर जाकर पड़ोसियों को भी सतर्क करने लगे. ऊंचाई पर बने अपने घर से उन्हें दिख रहा था कि किस तरह मलबा और पानी पूरे गांव की तरफ बढ़ रहा है.

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22 परिवार के लोग सुरक्षित जगह गए
लालित की सतर्कता और रॉकी की समय पर चेतावनी से गांव की सभी 22 परिवारों को समय रहते सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया. हालांकि लोगों को अपने घर और सामान छोड़ने पड़े, लेकिन सबसे बड़ी बात यह रही कि किसी की जान नहीं गई.

रॉकी बन गया गांव का हीरो
स्थानीय लोग और प्रशासन रॉकी की बहादुरी और लालित की तत्परता की खूब तारीफ कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अगर रॉकी समय रहते नहीं चेताता, तो यह हादसा बड़ा जानलेवा हो सकता था. अब रॉकी को गांव में एक ‘हीरो’ का दर्जा मिल गया है, और सभी उसे प्यार से 'जांबाज रॉकी' कहकर पुकार रहे हैं.

बादल फटने और भूस्खलन से अब तक 80 लोगों की मौत
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से हालात बेहद गंभीर हो गए हैं. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की रिपोर्ट के अनुसार, 20 जून से 7 जुलाई तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 52 लोगों की मौत सीधे बारिश से जुड़ी घटनाओं जैसे भूस्खलन, बादल फटना और फ्लैश फ्लड के कारण हुई है, जबकि 28 मौतें अन्य कारणों से दर्ज की गई हैं.

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करंट लगना, सांप के काटने और ऊंची ढलानों से गिरने से भी मौत
एसडीएमए की रिपोर्ट का हवाला देते हुए समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि 'अन्य कारणों' में करंट लगना, सांप के काटने और ऊंची ढलानों से गिरने जैसी घटनाएं शामिल हैं. इन घटनाओं में मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है, जहां अकेले 17 लोगों की जान गई है. भारी बारिश, टूटती सड़कें, जलभराव और मलबा बहने जैसी घटनाओं ने इस जिले को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है.

राज्यभर में कई सड़कें बंद हो चुकी हैं, पुल बह गए हैं और ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क कट गया है. राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं, लेकिन खराब मौसम के कारण दिक्कतें आ रही हैं.

हिमाचल प्रदेश सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे पहाड़ी इलाकों की यात्रा से फिलहाल परहेज करें और प्रशासन द्वारा जारी चेतावनियों का पालन करें. प्रशासन ने यह भी कहा है कि ज़रूरतमंदों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता दी जा रही है. विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में और बारिश होने की संभावना है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है.

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