हिमाचल प्रदेश में मानसून ने अब तक जमकर तबाही मचाई है. बीते 24 घंटों में भारी बारिश की वजह से अलग-अलग घटनाओं में चार और लोगों की मौत हो गई है, जिससे इस मानसूनी सीज़न में अब तक मरने वालों की संख्या 57 पहुंच गई है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, मृतकों में दो लोग कुल्लू और कांगड़ा जिले के हैं जबकि एक व्यक्ति की बिलासपुर में सांप के काटने से मौत हो गई, वहीं एक अन्य की मौत ऊंचाई से गिरने के कारण हुई है.
मौसम विभाग ने मंगलवार को शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है, जहां भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है. इसके अलावा राज्य के 12 में से तीन से सात जिलों में शुक्रवार तक 'येलो अलर्ट' भी घोषित किया गया है.
SEOC के मुताबिक, अब तक राज्य को मानसून के दौरान 786 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है. 192 सड़कें, जिनमें 146 मंडी जिले में हैं, यातायात के लिए बंद हैं. 745 जलापूर्ति योजनाएं और 65 विद्युत वितरण ट्रांसफॉर्मर भी प्रभावित हुए हैं.
मानसून की शुरुआत 20 जून से हुई है और 13 जुलाई तक राज्य में कुल 105 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 61 की मौत बारिश से संबंधित घटनाओं में और 44 की सड़क दुर्घटनाओं में हुई है. 35 लोग अब भी लापता हैं जबकि 184 लोग घायल हुए हैं.
अब तक 31 फ्लैश फ्लड, 22 बादल फटने की घटनाएं और 18 भूस्खलन दर्ज किए गए हैं. मंडी जिले में 30 जून और 1 जुलाई की रात को बादल फटने और बाढ़ में 15 लोग मारे गए थे और 27 लोग अब भी लापता हैं. इन्हें ढूंढने के लिए खोज अभियान अब भी जारी है.
राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है. सिरमौर के राजगढ़ में सबसे अधिक 72 मिमी बारिश हुई. इसके अलावा जुब्बड़हट्टी में 59.2 मिमी, मंडी में 26.4 मिमी, शिमला में 18.5 मिमी और धर्मशाला में 16 मिमी वर्षा दर्ज की गई.