हिमाचल प्रदेश में रविवार शाम से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है. बीते 24 घंटों में राज्य में 200 से अधिक सड़कें बारिश और भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गई हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, अब तक 62 बिजली ट्रांसफार्मर और 110 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हो चुकी हैं.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के कांगड़ा जिले के शाहपुर में सबसे ज्यादा 157.5 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि कांगड़ा शहर में 140.4 मिमी वर्षा हुई. पालमपुर, धर्मशाला, मंडी, सराहन समेत कई इलाकों में मध्यम से भारी बारिश हुई है.
121 से ज्यादा सड़कें बंद
मंडी जिले में सबसे ज्यादा 121 सड़कें बंद हो चुकी हैं, वहीं धर्मशाला से गगल (जहां कांगड़ा एयरपोर्ट स्थित है) जाने वाला मार्ग भी भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर बाधित है. मौसम विभाग ने मंगलवार को कांगड़ा, मंडी और कुल्लू जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. वहीं चंबा, शिमला, सिरमौर में येलो अलर्ट और बुधवार को ऊना, कांगड़ा, मंडी और कुल्लू में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है.
अब तक कुल 90 लोगों की मौत
राज्य में 20 जून से मानसून के आगमन के बाद अब तक कुल 90 लोगों की मौत हो चुकी है और 35 लोग लापता हैं. 1,320 मकानों को पूर्ण या आंशिक नुकसान हुआ है. 43 बार फ्लैश फ्लड, 25 बादल फटने की घटनाएं और 32 लैंडस्लाइड्स दर्ज की गई हैं.
कुकुमसेरी राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा जहां न्यूनतम तापमान 12.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि ऊना 34 डिग्री के साथ सबसे गर्म रहा. राज्य भर में आंधी-तूफान और तेज हवाओं का असर भी देखने को मिला.