यूक्रेन और रूस के बीच भीषण जंग जारी है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु डेटरेंट फोर्स को अलर्ट कर दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. यूक्रेन में बड़ी तादाद में भारतीय छात्र भी फंसे हैं. छात्रों को लेकर उनके अभिभावक चिंतित हैं तो वहीं विपक्षी दल भी केंद्र सरकार पर हमलावर हो गए हैं. सरकार यूक्रेन में फंसे छात्रों को निकालने की कोशिश में जुटी है तो वहीं दूसरी तरफ एक छात्रा ऐसी भी है जो युद्ध के समाप्त होने तक वापस नहीं लौटना चाहती.
एक महिला ने फेसबुक पर भावुक पोस्ट कर ये जानकारी दी है कि हरियाणा की उसकी एक दोस्त की 17 साल की बेटी यूक्रेन से युद्ध की समाप्ति तक वहां से नहीं लौटना चाहती. अब आप भी सोच रहे होंगे कि जब युद्ध की विभीषिका झेल रहे यूक्रेन से सुरक्षित अपने वतन लौटने के लिए वहां फंसे छात्र अपनी जान जोखिम में डालकर, भारी गोलीबारी के बीच कई किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर रोमानिया और पोलैंड पहुंच रहे हैं. ये छात्रा आखिर स्वदेश क्यों नहीं आना चाहती.
महिला की ओर से फेसबुक पर शेयर की गई पोस्ट के मुताबिक ये लड़की कीव की एक यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रही है. हॉस्टल नहीं मिला तो छात्रा बाहर किराए पर एक घर में रहती थी. वह मकान जिसका था उसके परिवार में पत्नी के साथ ही तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं. मकान मालिक युद्ध के हालात में अपने परिवार को छोड़कर देश की रक्षा के लिए रूस के खिलाफ लड़ने के लिए सेना में शामिल होने चला गया.
कीव में रहने वाली 17 साल की भारतीय छात्रा महिला और उसके तीन मासूम बच्चों को युद्ध की भयावह स्थिति में अकेला नहीं छोड़ना चाहती. छात्रा की मां ने भी उसे समझाया, छात्रा से किसी तरह रोमानिया पहुंचने के लिए कहा गया लेकिन वह युद्ध की समाप्ति तक उस परिवार को अकेला छोड़कर भारत आने को तैयार नहीं है.
गौरतलब है कि यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय छात्र फंसे हुए हैं. भारत सरकार यूक्रेन में फंसे छात्रों को हंगरी, पोलैंड और रोमानिया के रास्ते निकाल रही है. इसके लिए ऑपरेशन गंगा शुरू किया गया है. ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक करीब एक हजार छात्रों को स्वदेश वापस लाया जा चुका है. पीएम मोदी ने यूक्रेन से छात्रों की वापसी को लेकर हाई लेवल मीटिंग की है.