हरियाणा में पिछड़ी जातियों के उम्मीदवारों को सरकारी शिक्षा संस्थानों में दाखिले और नौकरी में आरक्षण के कानून 2016 को असंवैधानिक घोषित करने के मामले में सरकार को झटका लगा है. सूबे की मनोहर लाल खट्टर सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने हरियाणा सरकार को इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का वक्त दिया है.
कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में उक्त विवादित कानून को संविधान की बुनियादी ढांचे और मूल भावना के खिलाफ बताया गया है. हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की पिछली सरकार के कार्यकाल में बनाए गए इस कानून को लेकर उठाए गए ऐसे ही कई मुद्दों और सवालों पर जवाब मांगा गया है.
इससे पहले हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को यमुना नदी में प्रदूषण को लेकर नोटिस जारी किया था. यमुना नदी में प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. इस मामले की सुनवाई के दौरान हरियाणा के वकील ने दिल्ली जल बोर्ड की याचिका का विरोध किया था.
दिल्ली जल बोर्ड की याचिका में कहा गया था कि हरियाणा अमोनिया की अत्यधिक मात्रा वाला दूषित जल यमुना नदी में छोड़ रहा है. जिससे पानी की गुणवत्ता खराब हो रही है. हरियाणा के वकील ने दलील दी थी कि दिल्ली में जल के दूषित होने की समस्या दिल्ली में ही है इसे लेकर हरियाणा पर आरोप नहीं लगाया जा सकता. कोर्ट ने कहा था कि वो बिना बहस के इस मामले में नोटिस जारी कर रहा है. कोर्ट ने हरियाणा सरकार को जवाब देने के लिए दो सप्ताह का वक्त दिया था.