दिल्ली से सटे गुरुग्राम में खुले में नमाज (Gurugram Namaz in Open) का मामला गरमाने के बाद जुमे की नमाज को लेकर गुरुग्राम हाई अलर्ट पर है. 37 जगहों को चयनित किया गया है. वहां गुरुग्राम पुलिस और क्यूआरटी की तैनाती की गई. खुले में नमाज को लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध जताया था. इसके बाद पुलिस की तैनाती की गई. इस मामले को लेकर मुस्लिम काउंसिल (Muslim Council) के लोगों ने गुरुग्राम डीसी से मुलाकात की. उन्होंने खुले में नमाज की अनुमति मांगी.
काउंसिल में मुस्लिम एकता मंच, जमीयते उलेमा हिंद के सैकड़ों लोग डीसी से मिलने पहुंचे. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि 37 चुनी गई जगहों पर खुले में नमाज की अनुमति दी जाए. इस मामले को लेकर मुफ्ती सलीम काजमी का कहना है कि जिला प्रशासन आरएसएस द्वारा संचालित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच से बात कर रहा है. गौरतलब है कि सोमवार को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पदाधिकारियों ने डीसी गुरुग्राम से मिलकर खुले में नमाज की मुखालिफत की थी.
राज्यपाल को विधायकों ने सौंपा था ज्ञापन
बता दें कि खुले में जुमे की नमाज मामले को लेकर मेवात के तीन विधायकों ने राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा था. कांग्रेस के तीनों विधायकों ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को सौंपे ज्ञापन में कहा था कि जुमे की नमाज को लेकर शरारती तत्व शहर का माहौल ख़राब करना चाहते हैं. राज्यपाल के मेवात दौरे के वक्त कांग्रेसी विधायकों ने ज्ञापन दिया था. गौरतलब है कि इससे पहले जुमे की नमाज़ मामले में जिला प्रशासन द्वारा बरती जा रही ढिलाई को लेकर सीएम खट्टर से लेकर डीजीपी पीके अग्रवाल तक से गुहार लगाई जा चुकी है. गुरुग्राम में बीते 4 महीनों से खुले में नमाज़ मामले को लेकर विवाद जारी है.
ज्ञापन देकर कांग्रेसी विधायकों ने की थी ये मांग
गुरुग्राम में खुले में नमाज मामले को लेकर मेवात के तीनों कांग्रेसी विधायकों ने ज्ञापन सौंपकर मामले में संज्ञान लेने की गुहार लगाई है. तीनों विधायकों ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को दिए ज्ञापन में गुहार लगाई कि कुछ असामाजिक तत्व जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित जगहों पर खुले में नमाज का विरोध कर शांति व्यवस्था को खराब करने में लगे हैं. नूह के विधायक आफताब अहमद के अनुसार, सरेआम शहर का माहौल खराब करने की साजिश की जा रही है. जिला प्रशासन पूरे मामले में चुप्पी साधे बैठा है, जबकि जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित जगहों पर खुले में नमाज पढ़ी जा रही है.
कांग्रेस विधायक नूह आफताब अहमद का कहना है कि साइबर सिटी के खुले में नमाज मामले को लेकर रोष और विरोध दोनों बढ़ते जा रहे हैं. एक तरफ जहां हिंदूवादी संगठन खुले में नमाज के विरोध में उग्र प्रदर्शन करने में लगे हैं, वहीं मुस्लिम संगठन जिला प्रशासन के ढीले रवैये को लेकर रोष प्रकट करने में लगे हैं. कांग्रेसी विधायक की मानें तो अति गंभीर मामले में सीएम से लेकर डीजीपी हरियाणा तक गुहार लगाई गई है. लेकिन अभी तक किसी आरोपी के खिलाफ मामला तक दर्ज नहीं किया गया है.
चार महीने पहले भी किया गया था विरोध
आपको बता दें कि 2018 के बाद एक बार फिर बीते 4 महीने पहले खुले में नमाज का विरोध शुरू किया गया था. इसके बाद 37 स्थानों को जिला प्रशासन द्वारा नमाज के लिए चिन्हित किया गया था. अप्रैल 2021 में नमाज के दौरान हंगामा करने पहुंचे दो युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था. दोनों आरोपियों के खिलाफ सेक्टर 50 थाने में आईपीसी की धारा 153ए, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था. दोनों पर धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश का आरोप लगा था. पहले यह विरोध केवल सेक्टर 47 तक सीमित था, लेकिन अब खुले में नमाज का विरोध सेक्टर 12-A से होता हुआ सेक्टर 37 तक जा पहुंचा है.
हिंदू संगठनों ने ये वजह रखते हुए जताया था विरोध
खुले में नमाज का विरोध करते हुए हिंदू संगठनों का कहना है कि जिस सार्वजनिक जगह पर नमाज की जाती है. उस पर बाद में धर्म विशेष के लोग 'कब्जा' कर लेते हैं. काफी विवाद के बाद गुरुग्राम पुलिस ने सार्वजनिक स्थानों पर 'नमाज' के स्थान तय किए थे. कहा गया था कि ये स्थान हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों द्वारा आपसी समझ के बाद तय किए गए हैं.