पंचकूला में एक ही परिवार के सात लोगों की संदिग्ध सामूहिक आत्महत्या के मामले में अब एक बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस को मृतकों की कार से दो सुसाइड नोट बरामद हुए हैं, जिन्होंने इस दर्दनाक घटना के पीछे की गहरी कहानी उजागर कर दी है.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, कार से दो सुसाइड नोट मिलने के बाद पहले तो मामला संदिग्ध लगा लेकिन जांच पड़ताल के बाद सब चीजें क्लियर हो गई. पंचकूला की पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) हिमाद्री कौशिक ने बताया कि प्राथमिक दृष्टि से यह आत्महत्या का ही मामला प्रतीत होता है, लेकिन जांच जारी है. डीसीपी (क्राइम) अमित दहिया ने कहा कि मौके से दो सुसाइड नोट मिले हैं. एक कार की डैशबोर्ड से और दूसरा एक बैग में रखी डायरी के अंदर. वैसे शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह घटना आर्थिक बदहाली, भारी कर्ज, और मानसिक तनाव का नतीजा थी.
नोट में क्या लिखा था
नोट में परिवार के मुखिया प्रवीन मित्तल ने अपनी असफलताओं और आर्थिक संकट को आत्महत्या का मुख्य कारण बताया है. उन्होंने उल्लेख किया कि करोड़ों के कर्ज में डूबने के बाद उन्हें कोई सहारा नहीं मिला. ना ही बैंकों से राहत, ना ही रिश्तेदारों से मदद. नोट में लिखा गया है- हमने बहुत कोशिश की, बहुत हाथ-पैर मारे, लेकिन कहीं से भी कोई उम्मीद की किरण नहीं मिली. अब जीवन से लड़ने की ताकत नहीं रही.
जांच के नए मोड़
पुलिस अब यह जांच कर रही है कि दोनों सुसाइड नोट किसने लिखे. क्या दोनों एक ही व्यक्ति द्वारा लिखे गए या किसी और ने इसमें भूमिका निभाई? हैंडराइटिंग और भाषा की तुलना के लिए फॉरेंसिक टीम को साक्ष्य सौंप दिए गए हैं. पंचकूला डीसीपी हिमाद्री कौशिक ने बताया, मामले में आत्महत्या की पुष्टि होती दिख रही है, लेकिन जब तक हर पहलू की पुष्टि नहीं हो जाती, हम इसे पूरी तरह बंद नहीं कर सकते. सुसाइड नोट हमारे पास अहम प्रमाण हैं.
क्या था मामला
पंचकूला के सेक्टर-27 में सोमवार देर रात एक कार में छह लोगों के शव मिले, जबकि सातवें सदस्य की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई. मृतकों में 42 वर्षीय व्यवसायी प्रवीन मित्तल, उनकी पत्नी रीना, माता-पिता देशराज (70) और विमला (68), और तीन बच्चे — बेटा हार्दिक (13) और जुड़वां बेटियां दलिशा और ध्रुवी (11) शामिल हैं. पुलिस के अनुसार जाो सुसाइड नोट मिले हैं, जिनमें से एक डैशबोर्ड में और दूसरा एक बैग में रखी डायरी में पाया गया. इन नोट्स में प्रवीन मित्तल ने आर्थिक तंगी, कर्ज और मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या का निर्णय लेने की बात कही है.
20 करोड़ का कर्ज
अपने इस कदम के समय प्रवीण पर करीब 20 करोड़ रुपये का कर्ज था. बाद में वे परिवार के साथ मोहाली के खरड़ चले गए और हाल ही में पंचकूला के सकेतड़ी गांव के पास रह रहे थे. खुद का खर्च चलाने के लिए उन्होंने टैक्सी चलाना शुरू कर दिया था. आर्थिक तंगी के कारण बैंक ने पहले ही उनके दो फ्लैट, फैक्ट्री और वाहन जब्त कर लिए थे. पुलिस के मुताबिक प्रवीण ने सुसाइड नोट में अनुरोध किया है कि उसका अंतिम संस्कार उसके चचेरे भाई संदीप अग्रवाल ही करें. संदीप ने उससे पांच दिन पहले ही बात की थी.
2020 से 23 के बीच देहरादून में रहा था परिवार
प्रवीण और उनका परिवार 2020 से 2023 के अंत तक देहरादून में रहा. जिस गाड़ी में परिवार ने सुसाइड किया, वह गाड़ी 2021 मॉडल हुंडई ऑरा सीएनजी है. जिसका नंबर UK07DY3055 है. गाड़ी गंभीर सिंह नेगी के नाम पर है. नेगी ने प्रवीण को कार अपने नाम से फाइनेंस करवाई थी. गंभीर नेगी ने इस बात की जानकारी पुलिस को दिए बयान में दी है.
कर्ज न चुका पाने के कारण मिलती थी जान से मारने की धमकियां
मृतक प्रवीण के मामा के बेटे संदीप अग्रवाल ने बताया कि मृतक मूल रूप से हिसार के बरवाला का रहने वाले थे. करीब 12 साल पहले पंचकूला में शिफ्ट हुए थे और उनकी स्क्रैप की एक फैक्ट्री बद्दी हिमाचल में थी. जिसको बैंक ने सीज़ कर लिया था. जिसका कर्ज काफी हो गया था, जिसके चलते हुए एकदम से पंचकूला से गायब होकर उत्तराखंड के देहरादून में शिफ्ट हो गए थे, 5 साल तक उन्होंने किसी से कोई संपर्क नहीं किया.