हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में अब गैर हरियाणवी लोग ऑपरेशन नहीं करा सकते, क्योंकि हरियाणा सरकार के आदेश्ा के मुताबिक, इसके लिए हरियाणा का पहचान पत्र होना जरूरी है. मतलब जो लोग बाहर से आकर हरियाणा में रह रहे हैं और उन्होंने अपना वोट नहीं बनवाया है या जो लोग नए-नए यहां रहने आए हैं तो सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन की सुविधा उन्हें नहीं मिलेगी.
इस तरह के कई वाकये सामने आ रहे हैं, जहां लोगों को बहुत परेशानी हो रही है. इसी साल की पहली तारीख यानी एक जनवरी से हरियाणा सरकार ने एमएमआईवाई नाम की जो योजना की शुरुआत की थी, उसमें अजीबोगरीब तरीके से सरकारी अस्पताल में मुफ्त सर्जरी की सुविधा लेने के लिए हरियाणा का पहचान पत्र पेश करना अनिवार्य कर दिया गया था.
पूर्वांचल एकता मंच के अध्यक्ष संजय सिंह का कहना है कि अकेले गुड़गांव में ही कम से कम दस लोग मर चुके हैं.
सरकार के इस तुगलकी फ़ैसले का असर ये है कि अब राज्य के किसी भी सरकारी अस्पताल में तब तक किसी मरीज की मुफ्त सर्जरी नहीं होती, जब तक वो हरियाणा का राशन कार्ड या वोटर आईडी कार्ड जैसा कोई पहचान पत्र पेश नहीं करता.
हरियाणा स्वाथ्य सेवाओं के निदेशक की टेबल से ये चिट्ठी तब निकली है, जब भारत का संविधान देश के हर नागरिक को कहीं भी बराबरी के हक़ और आत्मसम्मान के साथ जीने का पूरा अधिकार देता है. वैसे इस अजीबोगरीब फरमान पर सरकारी अफ़सरों के अपने अलग तर्क हैं. गुड़गांव के सीएमओ डॉ. पुष्पा बिश्नोई ने कहा कि अभी योजना शुरू हुई है, पैसों की कमी है.