गृह मंत्रालय के आदेश पर गुरुग्राम में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ जिला प्रशासन और पुलिस ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है. इस विशेष अभियान के तहत अब तक गुरुग्राम के अलग-अलग हिस्सों से करीब 350 से 400 संदिग्धों की पहचान और जांच की गई है, जिसमें आठ लोगों के बांग्लादेशी नागरिक होने की पुष्टि हुई है.
पुलिस पीआरओ संदीप कुमार ने बताया कि शहर में चार डिटेन सेंटर सेक्टर 10, सेक्टर 40, बादशाहपुर और मानेसर बनाए गए हैं, जहां इन संदिग्धों को अस्थायी रूप से रखा गया है और उनकी पूरी जांच की जा रही है. जिन आठ बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान हुई है, वो फर्जी दस्तावेजों के ज़रिये लंबे समय से गुरुग्राम में रह रहे थे.
डिपोर्ट करने की तैयारी शुरू
प्रशासन अब इन अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने की प्रक्रिया में जुट गया है. संबंधित विभागों के बीच समन्वय कर इनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि के साथ-साथ सभी कानूनी प्रक्रियाएं तेजी से पूरी की जा रही हैं.
वहीं, इस गुपचुप ऑपरेशन के बाद गुरुग्राम में रह रहे अन्य प्रवासी मजदूरों में भारी असमंजस और डर का माहौल है. खासतौर पर पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों से आए प्रवासी जो यहां घरेलू नौकर, कूड़ा उठाने वाले, सफाईकर्मी, कार वॉशिंग और अन्य श्रमिक कार्यों में लगे हैं, अब अपनी झुग्गियों को छोड़कर अन्य इलाकों में शिफ्ट होने लगे हैं.
जिनके पास वैध दस्तावेज उन्हें डरने की जरूरत नहीं
इस अचानक हुई कार्रवाई के कारण कई लोग काम छोड़कर पलायन की तैयारी में जुट गए हैं, जिससे शहर में दैनिक जीवन से जुड़ी सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं. प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई केवल अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ है और जिनके पास वैध दस्तावेज हैं, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. फिर भी प्रवासी समुदाय में भय और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है.