मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे बीरेंद्र सिंह किसानों के समर्थन में आ गए हैं. किसानों के साथ एकता जताने के लिए वे जिला रोहतक के सांपला पहुंचे. इस पर जब आजतक ने उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि वे सरकार के खिलाफ नहीं हैं लेकिन किसानों के समर्थन में जरूर हैं.
अपनी बात को विस्तार देते हुए उन्होंने आगे कहा, 'मैं सर छोटूराम विचारमंच का स्थायी सदस्य हूं. सर छोटूराम ऐसे नेता हुए हैं जिन्होंने देश की आजादी के पहले ही अपने क्षेत्र में कृषि सुधारों का काम किया था. छोटूराम विचार मंच किसानों की मांग का समर्थन करता है. उसका स्थायी सदस्य होने के नाते मैं किसानों के साथ खड़ा हूं.'
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जब बीरेंद्र सिंह से पूछा गया कि क्या वे इस मुद्दे पर अपनी पार्टी के खिलाफ हैं तब बीरेंद्र सिंह ने जबाव दिया, "किसानों का समर्थन करना अपनी पार्टी के खिलाफ जाना नहीं है. किसानों का मुद्दा राजनीति से ऊपर है. जब हम पैदा हुए थे तब किसान के बेटे होकर पैदा हुए थे, अब पढ़ लिखकर राजनीति में आ गए हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि अपनी पृष्ठभूमि को भूल जाएं. किसानों का साथ देना मेरा नैतिक कर्तव्य है."
उन्होंने आगे कहा, "सरकार को किसानों से बात करनी चाहिए. बातचीत से किसी भी समस्या को हल किया जा सकता है. मैं किसानों से भी कहना चाहता हूं कि वे एक यथार्थपूर्ण संवाद करें, अंतहीन हड़ताल में न किसानों का हित है, न देश का हित है."
आपको बता दें कि हाल ही में बीजेपी नेता बीरेंद्र सिंह ने कैथल में कहा था कि अगर किसान मुझसे संपर्क करते तो मैं किसानों की अगुवाई करने के लिए तैयार था. सरकार को कृषि कानूनों पर किसानों की शंका का हल करना चाहिए. गौरतलब है कि हरियाणा के रहने वाले चौधरी बीरेंद्र सिंह मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं.