हरियाणा राज्यसभा चुनाव में आर. के. आनंद की हार को लेकर कांग्रेस कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रही है. लेकिन इस लड़ाई में कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को अलग-थलग करने का मन बना चुकी है.
मांगे विधायकों के एफिडेविट, लेकिन हुड्डा के एफिडेविट पर सस्पेंस
दरअसल, आनंद की हार के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराने के लिए सबसे पहले कांग्रेस विधायकों के एफिडेविट लिए जा रहे हैं. किरण चौधरी, कुलदीप शर्मा और गीता भुक्कल, वो विधायक हैं, जिनके वोट वैध माने गए हैं. उनको छोड़ दिया गया है.
एफिडेविट का ड्राफ्ट हुड्डा की परेशानी
एफिडेविट में लिखना होगा कि मैंने वोटिंग में उसी पेन का इस्तेमाल किया, जो चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराया गया और उन्होंने आर. के. आनंद को वोट दिया. बस, यही वो लाइन है, जो हुड्डा के लिए परेशानी का सबब है. क्योंकि हुड्डा विरोधी खेमे का दावा है कि हुड्डा ने अपना बैलेट पेपर खाली छोड़ा था. अभी तक लगातार ये खबरें आती रही हैं, लेकिन पूछे जाने पर भी हुड्डा ने इससे इंकार नहीं किया.
अब जब एफिडेविट लिया जाएगा तो हुड्डा क्या भरेंगे? अगर नहीं भरेंगे तो ये बात सामने आएगी कि हुड्डा ने आलाकमान के निर्देश की नाफरमानी की. हालांकि, एफिडेविट के सवाल पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने सिर्फ इतना कहा कि हां, हमने एफिडेविट मांगा है.
क्या कहते हैं हुड्डा के करीबी
हालांकि हुड्डा के करीबियों का दावा है कि हुड्डा ने कुछ भी गलत नहीं किया, जो किया वो आलाकमान की जानकारी में है. दरअसल, माना जा रहा है कि चौटाला विरोध की राजनीति के चलते हुड्डा ने खुद चौटाला समर्थित उम्मीदवार के साथ जाने में असमर्थता जताई थी और इसी लिए उन्होंने बीच का रास्ता चुना.