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एक अफसर की सीक्रेट मीटिंग और हरियाणा सरकार में दंगल, गृह मंत्री अनिल विज ने लगाया CMO के हस्तक्षेप का आरोप, डैमेज कंट्रोल में जुटे खट्टर

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के साथ चल रहे गतिरोध पर सीएम खट्टर ने सफाई दी है. सीएम खट्टर ने कहा कि यह आतंरिक मामला है और इसे लेकर मेरी अनिल विज से बात हो गई है और जल्द इस मुद्दे को हल कर लिया जाएगा.

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अनिल विज और सीएम मनोहर लाल खट्टर
अनिल विज और सीएम मनोहर लाल खट्टर

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों द्वारा उनके विभाग में हस्तक्षेप पर नाराजगी जाहिर की है. कहा है कि पिछले एक महीने से विभाग की फाइलों को मंजूरी देना बंद कर दिया है. इस बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने इस मामले पर विज से बात की है और कहा कि मामला जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.

इस वजह से नाराज हैं विज

कहा जा रहा है कि विज ने सीएमओ के एक वरिष्ठ अधिकारी पर आपत्ति जताई थी, जिन्होंने पिछले महीने उनकी उपस्थिति के बिना और उन्हें इसकी जानकारी दिए बिना ही स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की थी. विज, जिनके पास गृह विभाग भी है, ने बाद में इस बारे में सीएम खट्टर से अपनी नाराजगी व्यक्त की थी. इस महीने की शुरुआत में पंचकुला में आयुष पर आयोजित एक क्षेत्रीय सम्मेलन में भी शामिल नहीं हुए थे.

खट्टर की सफाई

यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, खट्टर ने कहा कि यह एक "आंतरिक मुद्दा" है और वह इसके बारे में अधिक विस्तार से कुछ नहीं कह सकते हैं. खट्टर ने कहा, 'मैंने उन्हें फोन किया और उनसे बात की. कभी-कभी प्रशासन में मुद्दे होते हैं... यह एक आंतरिक मुद्दा है. इसे यहां विस्तार से बताना सिस्टम के हित में नहीं है. इस मुद्दे को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.' 

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दोनों में होती रही है तनातनी

यह पहली बार नहीं है कि विज ने ऐसे मामलों पर नाराजगी जताई है. अगस्त में, विज ने नूंह में तनाव के संभावित निर्माण पर कोई खुफिया इनपुट होने से इनकार किया था, जहां सांप्रदायिक हिंसा देखी गई थी. तब विज ने कहा था कि खट्टर इस मुद्दे पर अपडेट दे सकते हैं, क्योंकि उनके पास "सारी जानकारी" है. लगभग तीन साल पहले, सीआईडी के नियंत्रण को लेकर खट्टर के साथ रस्साकशी के बाद, विज से विभाग का प्रभार छीन लिया गया था, और बाद में उसे मुख्यमंत्री ने उस विभाग को अपने पास रख लिया था.

छह बार के विधायक विज ने तब कहा था कि मुख्यमंत्री सर्वोच्च हैं और वह किसी भी विभाग को छीन या बांट सकते हैं. डेढ़ साल पहले, जब खट्टर ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, तो विज से शहरी स्थानीय निकाय विभाग छीन लिया गया था और इसे हिसार से बीजेपी विधायक कमल गुप्ता को दे दिया था.

पहले कार्यकाल में भी साधा था खट्टर पर निशाना

 फरवरी 2015 में, हरियाणा में पहली बार जब अपने दम पर भाजपा सत्ता में आई तो तीन महीने के भीतर ही विज, जिनके पास उस समय स्वास्थ्य और खेल विभाग था, ने एक्स पर खट्टर पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए पोस्ट किया था, 'मेरे विभागों में गहरी दिलचस्पी लेने के लिए मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद. मैं निश्चिंत हूं.'

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विज तब जाहिर तौर पर खट्टर से नाराज थे जिन्होंने अपने विभागों से संबंधित कई कार्यक्रम और योजनाएं शुरू की थीं. 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के बाद विज मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे थे. उस समय पहली बार विधायक बने खट्टर शीर्ष पद के लिए पार्टी की पसंद बनकर उभरे थे.
 

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