साइबर अपराधों की बढ़ती चुनौती के बीच गुजरात पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. सूरत के रहने वाले चेतन गांगाणी को गिरफ्तार किया गया है, जो साइबर फ्रॉड से जमा गए पैसों को क्रिप्टोकरेंसी (USDT) में बदलकर पाकिस्तान और दुबई में बैठे अपने सहयोगियों तक पहुंचा रहा था. पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी ने चार महीनों में साइबर फ्रॉड से इकट्ठे 10 करोड़ रुपये को क्रिप्टो में कन्वर्ट कर पाकिस्तानी वॉलेट में ट्रांसफर किया. इस वॉलेट में कुल 29 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन मिले हैं, जिनमें से 10 करोड़ सीधे सूरत से भेजे गए थे.
गुजरात पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट के एसपी राजदीपसिंह जाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गुजरात साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, गांधीनगर की टीम ने इस मामले की गहन जांच शुरू की थी. जांच के दौरान एक संदिग्ध बैंक खाते की पड़ताल की गई, जिससे पूरा इंटरनेशनल नेटवर्क सामने आया. पता चला कि आरोपी ने सूरत के एपीएमसी इलाके में एक दुकान खोल रखी थी, जहां वह एटीएम मशीन के जरिए बड़े पैमाने पर नकदी वितरित करता था. इसके अलावा, ऑनलाइन ऐप्स के माध्यम से डिजिटल पेमेंट को कैश में बदलता था और फिर अंगड़िया (ट्रेडिशनल हवाला सिस्टम) और क्रिप्टोकरेंसी चैनलों के जरिए धन दुबई भेजता था.
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जांच एजेंसी के अनुसार, चेतन गांगाणी एक अन्य सह-आरोपी के संपर्क में था, जो साइबर ठगी का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. दोनों ने मिलकर चार महीनों में लगभग 10 करोड़ रुपये की नकद राशि को USDT (Tether) क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित किया और उसे पाकिस्तानी वॉलेट पते पर भेजा. गिरफ्तारी के बाद आरोपी के मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच की गई, जिसमें कई वॉलेट ट्रांजेक्शन मिले. जब क्रिप्टो एक्सचेंज से जानकारी मांगी गई, तो पुष्टि हुई कि ये वॉलेट पाकिस्तान से संचालित हो रहे हैं. इस वॉलेट में कुल 29 करोड़ रुपये जमा हैं, जिनमें से 10 करोड़ की राशि चेतन गांगाणी ने ही ट्रांसफर की थी. बाकी 19 करोड़ के सोर्स की जांच जारी है.
Gujarat Cyber Center of Excellence Cracks Down on Major Cross-Border Cybercrime Network
— Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) November 8, 2025
In a major breakthrough, the Gujarat Cyber Crime Center of Excellence has dismantled a large-scale “Mule Account” network operating across multiple districts Morbi, Surendranagar, Surat, and…
चेतन गांगाणी ने पूछताछ में बताया कि उसने हर ट्रांजेक्शन पर 0.10 परसेंट USDT कमीशन के रूप में प्राप्त किया. पुलिस का मानना है कि चेतन गांगाणी ने जो 10 करोड़ रुपये क्रिप्टो में कंवर्ट कर पाकिस्तानी वॉलेट में भेजे थे, वह राशि साइबर फ्रॉड, फिशिंग, फर्जी लोन ऐप्स और ऑनलाइन बेटिंग के जरिए एकत्रित की गई थी. यह मामला पाकिस्तान की ओर से साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे को उजागर करता है. पाकिस्तान और दुबई में बैठे हैंडलर साइबर ठगों से पैसा इकट्ठा कर उसे आतंकी गतिविधियों, ड्रग तस्करी या अन्य अवैध कार्यों में इस्तेमाल कर सकते हैं.
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गुजरात पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने लोगों से अपील की है कि वे संदिग्ध लिंक, ऐप्स या कॉल्स पर सावधानी बरतें और तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करें. गिरफ्तारी के बाद चेतन गांगाणी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया. पुलिस अब सह-आरोपी, हवाला नेटवर्क और अन्य क्रिप्टो वॉलेट्स की तलाश कर रही है. यह कार्रवाई साइबर अपराध के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकारों की सख्त नीतियों का हिस्सा है. आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां होने की संभावना है.