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2500 साल पुराना है वडनगर का इतिहास, अब PM मोदी बन गए पहचान, जानें कैसे?

PM Modi Vadnagar Railway Station: वडनगर में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, "आज मैं जो कुछ भी हूं इसी मिट्टी के संस्कारों के कारण हूं. इसी मिट्टी में खेला हूं, आप ही के बीच में पला बढ़ा हूं." वडनगर को लेकर प्रधानमंत्री जब भी बात करते हैं तो भावुक हो जाते हैं.

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वडनगर रेलवे स्टेशन
वडनगर रेलवे स्टेशन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • वडनगर रेलवे स्टेशन से जुड़ी हैं पीएम मोदी की यादें
  • रेलवे प्लेटफॉर्म पर पिता के साथ चाय बेचा करते थे मोदी
  • वडनगर का इतिहास 2500 साल पुराना माना जाता है

भारत के औद्योगिक राज्य गुजरात का वडनगर (Vadnagar) शहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के दिल में बसता है. साल 2017 में वडनगर में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, "आज मैं जो कुछ भी हूं इसी मिट्टी के संस्कारों के कारण हूं. इसी मिट्टी में खेला हूं, आप ही के बीच में पला बढ़ा हूं." वडनगर को लेकर प्रधानमंत्री जब भी बात करते हैं तो भावुक हो जाते हैं. पुरानी यादों में खोकर वो उस दौर में पहुंच जाते हैं जब बचपन के 12 सालों तक वो इस रेलवे प्लेटफॉर्म पर अपने पिता के साथ चाय बेचा करते थे. 

वडनगर और मोदी की कहानी.. 

वडनगर रेलवे स्टेशन के पुराने प्लेटफॉर्म पर प्रधानमंत्री मोदी के पिता की चाय दुकान है. जिस पर मोदी अपने पिता का हाथ बंटाया करते थे. लेकिन आज के प्रधानमंत्री अपने लड़कपन में जहां चाय बेचा करते थे, उसकी सूरत अब पूरी तरीके से बदल गई है. अब इसे एक शानदार रेलवे स्टेशन का रूप दिया जा चुका है. आज शुक्रवार यानी 16 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी इसका उद्घाटन करेंगे. चाय की वो दुकान आज भी वडनगर रेलवे स्टेशन पर देखी जा सकती है. 

वो रेलवे स्टेशन जहां नरेंद्र मोदी ने बेची थी चाय, जानिए वडनगर से जुड़े PM के दिलचस्प किस्से 

वडनगर का इतिहास 2500 साल पुराना

वडनगर ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण शहर है. जिसका इतिहास 2500 साल पुराना माना जाता है. 7वीं शताब्दी में भारत आए चीनी यात्री ह्वेन त्सांग के यात्रा विवरण में भी वडनगर का उल्लेख मिलता है. वडनगर में बौद्ध धर्म का भी प्रभाव था और यहां जैन गुफाएं और सोलंकी शासकों के बनवाए स्मारक भी हैं. लेकिन आज वडनगर की पहचान प्रधानमंत्री मोदी के नाम से है. जिसके रेलवे स्टेशन की 'मोदी टी स्टॉल' इस शहर की पहचान बन गई है. 

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वडनगर रेलवे स्टेशन

चाय की दुकान से RSS की शाखा

दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी की इस चाय की दुकान पर वडनगर में RSS की शाखा चलाने वाले वकील साहब
आया करते थे. मोदी उनके संपर्क में आए और 8 साल में बाल स्वयंसेवक बन गए. इसके बाद संघ से बीजेपी में होते हुए पहले गुजरात के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहुंचे और फिर पहले 2014 में फिर 2019 में दूसरी बार देश की कमान संभाली. लेकिन प्रधानमंत्री अपना शहर नहीं भूले और उसे योजनाओं की सौगात देते रहे. 

वडनगर की शान में चार चांद 

इस बार प्रधानमंत्री वडनगर को रेलवे स्टेशन का नया रूप सौंपने वाले हैं, जिसके बाद ये शहर ब्रॉड गेज लाइन के जरिए बाकी भारत से जुड़ जाएगा. अब देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने वाले इस खंड पर यात्री और मालगाड़ियों को बिना किसी रुकावट के चलाया जा सकेगा. मेडिकल कॉलेज और बस स्टैंड की मांग को प्रधानमंत्री मोदी पहले ही पूरी कर चुके हैं, मगर रेलवे स्टेशन का ये तोहफा वडनगर की शान में चार चांद लगा देगा. 

अहमदाबाद से गोपी घांघर के साथ आजतक ब्यूरो

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