केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि गुजरात पुलिस द्वारा एक महिला की कथित जासूसी की जांच के लिए किसी तरह का आयोग गठित नहीं किया जा रहा है.
महाधिवक्ता मोहन पारासरण ने न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई और न्यायामूर्ति एनवी रमना की पीठ को बताया कि केंद्रीय कानून मंत्री (कपिल सिब्बल) बयान दे चुके हैं कि जासूसी कांड की जांच के लिए आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव नहीं है.
पारासरण ने यह बयान अदालत द्वारा जारी नोटिस के जवाब में दिया. न्यायालय ने महिला और उसके पिता की एक याचिका पर नोटिस जारी किया था, जिसमें मांग की गई थी कि कथित जासूसी कांड की जांच के लिए किसी तरह के आयोग के गठन से केंद्र व गुजरात सरकार को रोका जाए.