बीजेपी ने अपने पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की 'चाय वाले' की छवि को भुनाने के लिए बुधवार को 'चाय की चौपाल' अभियान की शुरुआत की. अहमदाबाद में अभियान की शुरुआत करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह विदेश में रखे कालेधन को लाने के लिए कटिबद्ध हैं और अगर बीजेपी सत्ता में आई तो कालाधन वापस लेने के लिए कार्यबल गठित किया जाएगा. यही नहीं, मोदी ने कहा कि वह इस कालेधन को ईमानदार करदाताओं के बीच बांट देंगे.
अभियान के तहत मोदी अहमदाबाद में बैठे थे लेकिन तकनीक के जरिए देश की 300 से ज्यादा जगहों से जुड़े हुए थे. सभी 300 जगहों पर बीजेपी ने 'चाय की चौपाल' लगाई गई थी. इस दौरान मोदी ने देश के अलग-अलग हिस्सों से चर्चा में हिस्सा ले रहे लोगों के सवालों का जवाब भी दिया.
'यह देश की गरीब जनता का धन है'
एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा, 'पूरा देश कालेधन को लेकर चिंतित है. यह राष्ट्रविरोधी गतिविधि है. इस कालेधन को वापस लाने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है. मैं अपने देशवासियों को आश्वासन देता हूं कि जब हम दिल्ली में सरकार बनाएंगे तब हम कार्यबल गठित करेंगे, और जरूरी हुआ तो कानून संशोधित करेंगे.'
उन्होंने कहा, 'हम भारतीय नागरिकों द्वारा रखे गए धन का पाई-पाई वापस लाएंगे. मैं इसके लिए कटिबद्ध हूं, क्योंकि यह धन भारत की गरीब जनता का है और किसी को भी इस तरह की राष्ट्रविरोधी गतिविधि करने का हक नहीं है. हम वापस लाए गए इस कालेधन को ईमानदार करदाताओं के बीच सौगात के रूप में बांट देंगे.'
चाय बेचते हुए काफी कुछ सीखा
अभियान की शुरुआत करते हुए अपने संबोधन में नरेंद्र मोदी ने कहा कि चाय देश में गरीब से गरीब व्यक्ति की आजीविका का साधन है. दुनिया के हर विषय की चर्चा चाय की चुस्की पर होती है. चाय फुटपाथ लोकसभा का सबसे बड़ा सेंटर है. चाय गरीबों का व्यापार है.
मोदी ने कहा कि जब वह चाय बेचते थे तो उन दिनों उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला. लोग चाय की चुस्की पर राजनीति से लेकर मंगल ग्रह तक की बात करते थे. समस्याओं का समाधान ढूंढ़ा जाता था. इसी सीख को बढ़ाते हुए उन्होंने चौपाल लगाया है, जिसके द्वारा वह लोगों से बात करना चाहते हैं.
'खराब शासन डायबिटीज की तरह'
अपनी चौपाल पर चाय की चुस्की लेते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह चौपाल 5 तकनीक का मेल है. आज मैं एक साथ लाखों लोगों से बात कर रहा हूं. मैं आज सुशासन पर बात करना चाहता हूं. उन्होंने खराब शासन को बीमारी बताते हुए कहा, 'बैड गवर्नेंस डायबिटीज की तरह है. एक बार शुरू हो गई तो विकास का नाम नहीं रहता. जनता को एक साथ अनेक कष्ट झेलने पड़ते हैं. मैं आज लोगों से सुशासन पर सुझाव सुनना चाहता हूं और बात करना चाहता हूं.'
लोगों को राजनीतिक शिक्षा देने की जरूरत है
देश की जनता में राजनीति के प्रति जागरुकता जगाने की बात करते हुए मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने हमें स्वराज दिलाया, लेकिन हम सुराज नहीं बना पाए. अगर सुराज आता तो हम भी दुनिया के विकसित देशों की तरह कहां से कहां पहुंच गए होते. लेकिन हम ऐसा नहीं कर पाए.
मोदी ने कहा, 'आज सामान्य से सामान्य व्यक्ति को सरकार से शिकायत है. एक प्रकार से लोगों का भरोसा टूट गया है. चुनाव में महा उत्सव के तौर पर लोकतंत्र की पूजा की जाती है. हर दल को चाहिए कि वह जनता से बात करे, जनता तक अपनी बात पहुंचाए. लोगों को राजनीतिक शिक्षा देने की जरूरत है.
करोड़ों लोगों को जोड़ने की चाहत
चाय की चौपाल के जरिए अपनी चाहत और योजना पर बात करते हुए मोदी ने कहा, 'हमने जबसे चाय पर चर्चा बेवसाइट की शुरुआत की है, लोग जुड़ते चले जा रहे हैं. हमें सुशासन को लेकर सुझाव मिल रहे हैं. यही हमारी योजना भी है कि अधिक से अधिक लोग हमसे जुड़े और हमें सुझाव दें.'
मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने उन्हें सुझाव दिए वह उन सभी का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं. उन्होंने चाय को भी शुक्रिया अदा करते हुए 'थैंक्स चाय' कहा. मोदी ने कहा कि अगर सब कुछ उनकी योजना के मुताबिक हुआ तो इस अभियान से करोड़ों लोग जुड़ते चले जाएंगे.