एक और जहां पूरी दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही है तो दूसरी तरफ कोरोना का शिकार होने के बाद ठीक हुए लोगों में हार्ट, लिवर, ब्रेन स्ट्रोक जैसे मामलों में भी बढ़ोतरी देखने मिल रही है. कोरोना महामारी के बीच गुजरात में धीरे-धीरे एक बीमारी ने दस्तक दी है. इस बीमारी का नाम है म्यूकोरमाइकोसिस. कोरोना से ठीक होने वाले डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को 'म्यूकोरमाइकोसिस' बीमारी हो रही है. इस बीमारी के इलाज के लिए अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में अब तक 44 मरीज आ चुके हैं. जिनमें से अब तक 9 लोगों की जान जा चुकी है.
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ये बीमारी एक प्रकार का फंगस इन्फेक्शन है जो कोरोना से ठीक होने के बाद मरीजों में देखने मिल रही है. इसमें सबसे पहले झुकाम होता है, झुकाम के बाद ये इन्फेक्शन मस्तिष्क को प्रभावित करने लगता है,धीरे-धीरे इसके मरीज में अंधापन होने लगता है. ये बीमारी आंखों और मस्तिष्क के हिस्से में होती हैं. अहमदाबाद के सिविल अस्पताल की ENT हैड डॉक्टर बेला प्रजापति का कहना है कि अब तक जितने भी ऐसे मामले आए हैं, उनमें 50 साल से ज्यादा उम्र के और खासकर डायबिटीज या फिर अन्य बीमारी से पीड़ित लोग हैं. इस बीमारी को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट भी किया है.
विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड-19 से ठीक हुये लोगों में म्यूकोरमाइकोसिस बीमारी का खतरा बढ़ा है जिससे कई लोगों की मौत भी हुई है। इस बीमारी में दिमाग समेत शरीर के कई अंगों के खराब होने का खतरा है। मुंबई और अहमदाबाद में इस बीमारी का अलर्ट जारी किया गया है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 15, 2020
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अब तक के मामलों में ये देखा गया है कि ज्यादातर संक्रमण नाक से होता हैं, इसके बाद ये फंगल आंख तक पहुंच जाती है. डॉ बेला के मुताबिक शुरुआत में ही उपचार ना मिलने पर ये बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है.