कांग्रेस के विधायक अल्पेश ठाकोर, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता और निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी सहित इनके 20 समर्थकों पर शनिवार को गांधीनगर में मामला दर्ज किया गया. इन तीनों पर माहौल अशांत करने, ग़लत सबूत एकत्रित करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.
असल में हार्दिक पटेल , अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवानी के गांधीनगर डीसीपी ऑफिस के सामने कंचनबेन मकवाना के घर से दो थैली देशी शराब बरामद की थी. अहमदाबाद में ज़हरीली शराब पीने से चार लोगों के बीमार होने के बाद तीनों युवा नेताओं ने यह छापेमारी का यह काम किया था. इसी मामले में गांधीनगर पुलिस ने हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर ओर जिग्नेश मेवानी के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
तीनों युवा नेताओं ने कंचनबेन मकवाना के घर पर अचानक छापेमारी की. वहीं कंचनबेन मकवाना ने आरोप लगाया कि इन तीनों नेताओं के पहुंचने से पहले एक शख़्स उनके घर आया था और उन्हें शराब देकर गया और उन्हें फंसाया जा रहा है. वहीं जिग्नेश ने ट्वीट कर कहा कि कार्रवाई करने के बजाय गुजरात पुलिस हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और उन पर मामला दर्ज कर रही है. यह शर्मनाक है.
Instead of taking any action against the bootleggers, Gujarat Police files an FIR against me, Hardik Patel and Alpesh Thakor for exposing that alcohol is being sold at a distance of 100 metre of District Superintendent's office at Gandhinagar. Shame!
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) July 7, 2018
मामला दर्ज होने के बाद आज हार्दिक पटेल ने ट्वीट किया, गांधीनगर में डीएसपी ऑफिस के सामने शराब के अड्डों पर हमने जनता रेड की और देशी शराब पकड़ी, लेकिन बीजेपी और पुलिस ने अपनी इज़्ज़त बचाने के लिए शराब का धंधा नहीं हो रहा, यह साबित कर दिया और शराब के धंधा करने वाले लोगों से ही हम पर एफआईआर करवाई. पुलिस का काम जनता ने किया वह गुनाह है. बता दें कि कंचनबेन मकवाना की शिकायत पर पुलिस ने यह मामला दर्ज किया है.