जीएसटी लागू होने के बाद सूरत के कपड़ा कारोबार पर मंदी के बादल अभी भी छाए हुए हैं. जीएसटी को अमल में लाने के एक साल के ठीक एक दिन पहले सूरत के कपड़ा कारोबारियों ने इस टैक्स प्रणाली का विरोध करते हुए कपड़ा बाजार इलाके में पकौड़े का स्टॉल लगाया और पकौड़ों के साथ-साथ साथ साड़ियां भी मुफ्त में बांटी.
देश और दुनियाभर में साड़ियों का निर्यात सूरत के इन्हीं कपड़ा बाजारों से होता है. शनिवार को सूरत के कपड़ा कारोबारी कपड़ा बाजार के बाहर सड़क के फुटपाथ पर खड़े होकर लोगों को पकौड़े बांटे.
साड़ी बेचने वाले कपड़ा कारोबारी अगर पकौड़े बांटने लगें तो ऐसे में आप समझ सकते है कि जीएसटी को लेकर आज भी इन कारोबारियों में केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी है. कारोबारियों का कहना है कि आज भी जीएसटी की वजह से कपड़ा कारोबार में मंदी छाई हुई है. जीएसटी का खामियाजा सबसे ज्यादा कपड़ा कारोबार को भुगतना पड़ रहा है.
जीएसटी की पहली वर्षगांठ धूमधाम से मनाएगी मोदी सरकार
सरकार की जीएसटी प्रणाली की पहली वर्षगांठ को धूमधाम से मनाने की योजना है. केंद्र सरकार का दावा है कि यह अप्रत्यक्ष कर प्रणाली सुचारू ढंग से काम कर रही है और अब उसका जोर रिटर्न फॉर्म के सरलीकरण पर रहेगा. लिहाजा केंद्र सरकार जीएसटी की सफलता को दिखाने के लिए 1 जुलाई को बतौर जीएसटी दिवस धूमधाम के साथ मनाने की तैयारी कर रही है.
सूत्रों ने बताया कि सरकार ने एक जुलाई को ‘जीएसटी दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है. इसके लिए दिल्ली के आंबेडकर भवन में बड़े कार्यक्रम की योजना है. प्रस्तावित कार्यक्रम में उद्योग मंडलों के साथ साथ, व्यापारी व कर अधिकारी व वित्त मंत्रालय का कार्यभार देख रहे पीयूष गोयल भी भाग लेंगे. केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली इस कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर सकते हैं.