गुजरात के मजूरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हर्ष संघवी ने सूरत महानगरपालिका पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जनप्रतिनिधि होने की वजह से मैंने नगर निगम के आयुक्त से अपील की थी कि जिस कचरा पेटी को सड़क के किनारे रखा जाता है, उनकी गुणवत्ता बेहद खराब है. यही वजह है कि वे समय से पहले ही खराब हो जाती हैं. लेकिन कुछ अधिकारी अलग तरह से भ्रष्टाचार करते हैं.
बीजेपी विधायक का आरोप है कि फुटपाथ पर लगाए जाने वाले कूड़ेदानों के लिए महानगर पालिका ने 10870 रुपयों में 2976 कूड़ेदान खरीदे गए. जिसके लिए नगरपालिका ने करीब 3 करोड़ से ज्यादा की रकम चुकाई. बीजेपी विधायक का आरोप है कि 3 करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट को 15-15 लाख रुपयों के ग्रुप में बांटा जाए, साथ ही इसे जोन वाइज विभाजित किया जाए. नगर निगम से बीजेपी ने यह मांग की है.
बीजेपी विधायक ने कहा कि इस मामले में 2 से 4 अधिकारियों की वजह से सूरत नगरपालिका की स्वच्छ छवि खराब हो रही है, ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
गुजरात सरकार अक्सर गुजरात में भ्रष्टाचार नहीं होने का दावा करती है लेकिन बीजेपी शासित सूरत महानगर पालिका पर बीजेपी के ही विधायकों के आरोप के बाद हंगामा मच गया है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले को लेकर गुजरात सरकार की ओर से क्या सफाई पेश की जा सकती है.