सूचना और प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के तीन तलाक पर विरोध को राजनीति ने प्रेरित बताया है. यूनिफॉर्म सिविल कोड पर उन्होंने कहा, कुछ लोग समाज को भ्रमित कर रहे हैं. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस मामले में पीएम का नाम ना घसीटे, बल्कि तर्क रखें. बोर्ड अपना नजरिया सभी पर थोपने की कोशिश कर रहा है.
शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नायडू ने कहा कि कॉमन सिविल कोड और तीन तलाक का मामला अलग-अलग है. ये राज्य के नीति निर्देशक तत्व के अनुच्छेद 44 में निहित है. इसे केंद्र सरकार या पीएम मोदी नहीं लेकर आए हैं. लिहाजा पीएम मोदी का नाम घसीटना ठीक नहीं है.
विशेष धर्म के लिए नहीं है यूनिफॉर्म सिविल कोड
वेंकैया नायडू ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड किसी खास धर्म के लिए नहीं है. ये सभी के लिए है. इसपर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए. जल्दबाजी से कोई फैसला नहीं लेना चाहिए. सबकी सहमति लेकर ही सरकार आगे कोई फैसला करेगी.
'किसी सियासी पार्टी से हमारा वास्ता नहीं'
वेंकैया नायडू ने कहा, 'हम किसी भी तरह की सियासी पार्टी से नहीं जुड़े हैं. हमे किसी सियासी पार्टी से कोई मतलब नहीं. हमे सिर्फ मुल्क की बेहतरी और संवैधानिक गारंटी से मतलब है.'
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से मसला लिया वो हमे पता है. एक अलग मामले के अंदर जिसमें मुसलमानों का कहीं दूर-दूर तक जिक्र नहीं था. ये हिंदू मैरिज एक्ट का मामला था. कोर्ट ने हमसे जवाब मांगा और हमने जवाब दिया.
बोर्ड ने मोदी सरकार पर लगाए थे आरोप
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद वली रहमानी ने ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि 'वह यूनिफार्म सिविल कोड लाकर देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. ट्रिपल तलाक पर सरकार का विरोध गलत है.' बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने इन आरोपों को गलत बताया और कहा कि सरकार केवल मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों के लिए काम कर रही है.
What is the objection I don't understand and why to bring in PM? Let us have a healthy debate on the core issue: Venkaiah Naidu on AIMPLB pic.twitter.com/YdMdSFcPHU
— ANI (@ANI_news) October 14, 2016
'हमारी सरकार अमेरिका की पिछलग्गू'
मौलाना रहमानी ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जिस अमेरिका की यहां जय की जाती है, वहां भी अलग अलग स्टेट का अपना पर्सनल लॉ है. अलग-अलग आइडेंटिटी है. हमारी सरकार वैसे तो अमेरिका की पिछलग्गू है लेकिन इस मुद्दे पर उसको फॉलो नहीं करना चाहती. उन्होंने ये भी कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू बड़े दिल के आदमी थे. इसलिए उन्होंने अलग-अलग ट्राइब्स के लिए संविधान में अलग-अलग प्रावधान रखवाया है.
ट्रिपल तलाक के बारे में कांग्रेस नेता और पूर्व राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष, गिरिजा व्यास का कहना है कि हमारी सरकार में हिंदू लॉ में बदलाव किया है. ट्रिपल तलाक पर कोई भी फैसला सहमति से होना चाहिए. हमें जनता की आवाज को दबाना नहीं चाहिए.'