जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में लेफ्ट गठबंधन को शानदार जीत मिली है. सेंट्रल पैनल की चारों सीटों पर लेफ्ट गठबंधन ने परचम लहराया है. अध्यक्ष पद पर AISA के मोहित पांडे को जीत मिली है. जबकि उपाध्यक्ष पद अमल पीपी की झोली में गई. वहीं महासचिव पद शतरूपा चक्रवर्ती ने कब्जा किया और तबरेज हसन संयुक्त सचिव सीट पर जीत हासिल हुई.
कन्हैया का बीजेपी पर वार
AISA और SFI गठबंधन की जीत पर कन्हैया कुमार भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसा है. कन्हैया ने मोहित को बधाई देते हुए ट्विटर पर लिखा, 'देश जानना चाहता है. जेएनयूएसयू चुनावों में एबीवीपी का क्या हुआ? जेएनयू को बंद करो... लो, एबीवीपी को बंद हो गया'.
ABVP को करारा झटका
दरअसल जेएनयू छात्रसंघ पर सालों से वामपंथी संगठनों का प्रभाव रहा है और पिछले साल आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी को एक सीट हासिल हुई थी और 14 सालों के अंतराल के बाद वह विश्विद्यालय में वापसी कर सकी. लेकिन इस चुनाव में वो सीट भी ABVP के हाथ से खिसक गई. आइसा और एसएफआई गठबंधन ने काउंसलर की भी 31 में से 30 सीटों पर जीत हासिल की. एबीवीपी को केवल संस्कृत विभाग में काउंसलर की सीट मिली.
"The nation wants to know.." What happened to #ABVP in #JNUSUPolls?#ShutDownJNU became #ShutDownABVP#RIPABVP pic.twitter.com/LG9e9B9bTO
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyajnusu) September 10, 2016
कैंपस में देशविरोधी नारे लगाने का मामला
गौरतलब है कि वाम दल छात्र संगठनों और एबीवीपी के बीच 9 फरवरी की घटना के बाद कैंपस में अपनी-अपनी विचाराधारा के प्रभाव की जंग थी. 9 फरवरी को कैंपस में कथित रूप से राष्ट्र विरोधी नारे लगाए गए थे जिसके बाद देशद्रोह के मामले में निवर्तमान जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत 3 छात्रों को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद कन्हैया केंद्र सरकार के खिलाफ खुलकर सामने आया गया.