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जानिए CM के लिए नाम की घोषणा होते ही सबसे पहले कहां गयीं थीं सुषमा स्वराज

1998 में सुषमा स्वराज के नाम की घोषणा दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर हुई थी. नाम की घोषणा होते ही सुषमा स्वराज राजनीति के गुर सीखने सबसे पहले मदन लाल खुराना के घर गई थीं.

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सुषमा स्वराज का निधन (तस्वीर- K Asif)
सुषमा स्वराज का निधन (तस्वीर- K Asif)

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ बुधवार को लोधी रोड के दयानंद शवदाह गृह में किया गया. भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज (67) का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने के बाद निधन हो गया था.

1998 में सुषमा स्वराज के नाम की घोषणा दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर हुई थी. नाम की घोषणा होते ही सुषमा स्वराज राजनीति के गुर सीखने सबसे पहले मदन लाल खुराना के घर गई थीं. मदन लाल खुराना के बेटे और बीजेपी नेता हरीश खुराना ने बताया कि सुबह सुबह 7:00 बजे सुषमा स्वराज पापा से राजनीति के गुर सीखने आ गई थीं.

हरीश को नाना ने बताया कि मदन लाल खुराना ने सुषमा स्वराज को समझाया था कि बतौर सीएम शाम के समय दौरे करने शुरू करो. हरीश खुराना के मुताबिक शाम के समय सुषमा स्वराज अक्सर औचक निरीक्षण करती थीं क्योंकि यह सलाह उन्हें स्वर्गीय मदनलाल खुराना ने दी थी.

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बीजेपी नेता हरीश खुराना ने बताया कि दिल्ली में प्याज के बढ़े हुए दामों को नियंत्रित करने के लिए सुषमा स्वराज ने PDS सिस्टम को लागू किया था. हरीश खुराना के मुताबिक मदन लाल खुराना की सलाह पर ही सुषमा ने यह सिस्टम दिल्ली में लागू किया था.

हरीश खुराना बताते हैं कि मदन लाल खुराना और सुषमा में भाई-बहन का रिश्ता था. दोनों ही दिल्ली की चाट-पकौड़ी के शौकीन थे. हरीश खुराना के मुताबिक सुषमा स्वराज हर कार्यकर्ता को उसके नाम से पहचानती थीं और हर कार्यकर्ता को इज्जत दिया करती थीं. मदन लाल खुराना के बेटे बताते हैं कि मुझे सुषमा स्वराज जूनियर खुराना बुलाती थीं और 10 दिन पहले ही उन्होंने मुझे कहा था कि मदन लाल जी की विरासत को आगे तुम बढ़ाओ.

बता दें कि निधन के बाद सुषमा स्वराज के पार्थिव शरीर को बुधवार को भाजपा मुख्यालय में रखा गया, जहां लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके बाद लोधी रोड के दयानंद शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह व अमित शाह व दूसरी पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने स्वराज के अंतिम संस्कार में भाग लिया.

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