नालों की सफाई को लेकर साउथ एमसीडी के हाउस में अफसरों की खूब खिंचाई हुई. पार्षदों का आरोप है कि कागजों पर सफाई की रिपोर्ट ठीक होती है, लेकिन हकीकत कुछ और है.
साउथ एमसीडी के हाउस में जब नालों की सफाई पर पूछे गए सवालों का अफसरों की तरफ से लिखित जवाब आया, तो पार्षद बिफर गए. पक्ष और विपक्ष दोनों ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट के नाम पर अफसर सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ा रहे हैं.
साउथ एमसीडी के हाउस में सदन के नेता सुभाष आर्या कहते हैं, पहले डिटेल में रिपोर्ट आती थी, लेकिन अब सिर्फ चंद आंकड़े देते हैं, जिनमें पता ही नहीं चलता कि कौन से नाले की बात हो रही है, कहां काम चल रहा है और कहां पूरा हो गया है. इसका मतलब है कहीं तो गड़बड़झाला है.
साउथ एमसीडी में चार फीट से ज्यादा गहराई वाले 226 नाले हैं, जिनकी कुल लंबाई 152 किलोमीटर है. इसी तरह चार फीट से कम गहरे नालों की कुल लंबाई 1071 किलोमीटर है. पार्षद हाउस में शिकायत भले ही कर रहे हों, लेकिन साउथ एमसीडी के कमिश्नर ने दिल्ली आजतक से बात करते हुए दावा किया कि 104 में से करीब 75 पार्षदों ने उन्हें लिखकर दिया है कि उनके इलाके में नालों की सफाई हो गई है.
साउथ एमसीडी के कमिश्नर मनीष गुप्ता बताते हैं, हमने सभी पार्षदों से कहा था कि नालों की सफाई की प्रगति रिपोर्ट वो तय करें और बताएं. करीब 75 पार्षदों का लिखित में ये जवाब आ गया है कि उनके इलाके के नाले साफ हो गए हैं. कुछ ने नहीं दिया उनके यहां उनके बताए मुताबिक काम किया जा रहा है.
अब एकतरफ पार्षद लिखित में सफाई की बात मान रहे हैं और हाउस में नालों को लेकर शोर मचा रहे हैं, लगता है मंशा सफाई की कम और राजनीति चमकाने की ज्यादा है.