दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय ड्रग कार्टेल का पर्दाफाश किया है, जो अफ्रीका से कॉल सेंटर की तर्ज पर भारत में नशे की सप्लाई कर रहा था. इस ऑपरेशन में पांच अफ्रीकी नागरिक गिरफ्तार किए गए हैं और 100 करोड़ से अधिक की ड्रग्स जब्त की गई है.
गैंग का मास्टरमाइंड नाइजीरिया में बैठा कालिस्टस उर्फ कालिस है, जो सोशल मीडिया, कॉल सेंटर और फर्जी दस्तावेजों के जरिये इस नेटवर्क को नियंत्रित करता था. एडिशनल डीसीपी (क्राइम) मंगेश कश्यप के अनुसार, यह सिंडिकेट कोकीन, एमडीएमए और गांजा जैसे नशे की वस्तुओं को भारत में अफ्रीकी नागरिकों के जरिये डिलीवर कराता था.
फूड डिलीवरी ऐप्स की तरह ड्रग्स का कारोबार
इसकी डिलीवरी व्यवस्था फूड डिलीवरी ऐप्स की तरह थी, जहां ग्राहक की लाइव लोकेशन के आधार पर नशा पहुंचाया जाता था. जांच में सामने आया कि ये लोग फर्जी पासपोर्ट, एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स और विशेष ड्रेस कोड (जैसे चेक शर्ट, ब्लैक हेलमेट) का इस्तेमाल करते थे ताकि पहचान छिपी रहे. नेटवर्क को इस तरह डिज़ाइन किया गया था कि अगर कोई डिलीवरी एजेंट पकड़ा जाए, तो तुरंत उसका विकल्प तैयार रहता था.
13 जून को मोती नगर में एक कूरियर पार्सल से 895 ग्राम एमडीएमए बरामद हुआ था. इसके बाद कैमेनी फिलिप नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जिसके पास फर्जी कैमरूनियन पासपोर्ट था और उसके पास से 2 किलोग्राम शुद्ध कोकीन भी मिली.
महिलाओं के जरिए तस्करी
पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये गैंग भारत में महिलाओं के जरिये कोलंबियाई कोकीन तस्करी करता था, क्योंकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स पर महिलाओं को कम संदिग्ध माना जाता है. दिल्ली में ड्रग्स की डिलीवरी और पेमेंट गोपनीय ड्रॉप लोकेशन से होती थी और पैसा हवाला नेटवर्क के जरिये नाइजीरिया भेजा जाता था.
भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद
अब तक कुल 2.7 किलोग्राम कोकीन, 1 किलोग्राम एमडीएमए, 1 किलोग्राम से अधिक गांजा और 2.7 लाख नकद बरामद किए गए हैं. पुलिस अब अन्य सहयोगियों और फाइनेंशियल लिंक को ट्रैक करने में जुटी है, साथ ही विदेशी एजेंसियों से समन्वय भी शुरू किया गया है.