प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित आरएसएस कार्यालय केशवकुंज जाकर विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक अशोक सिंघल को श्रद्धांजलि दी. सिंघल का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को निधन हो गया. वह 89 साल के थे.
PM Narendra Modi pays tribute to late VHP Leader Ashok Singhal in Delhi. pic.twitter.com/r6vYg41FGv
— ANI (@ANI_news) November 18, 2015
करीब एक महीने से बीमार चल रहे अशोक सिंघल का गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था. सिंघल के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए झंडेवलान स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय में रखा गया है. पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समेत कई दिग्गज बीजेपी नेताओं और पदाधिकारियों ने सिंघल को श्रद्धासुमन अर्पित किए.
EAM Sushma Swaraj pays tribute to late VHP leader Ashok Singhal, in Delhi. pic.twitter.com/quyWJ7vhGF
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संघ पदाधिकारियों ने बताया कि शाम चार बजे तक विहिप नेता के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. इसके बाद शव यात्रा निकाली जाएगी और फिर निगमबोध घाट पर उन्हें मुखाग्नि दी जाएगी.
PM Narendra Modi pays tribute to late VHP leader Ashok Singhal, in Delhi. pic.twitter.com/mOwLHknmf8
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हरिजन से रखवाई थी पहली ईंट
60 हजार गांवों में खुलवाए एकल स्कूल
देश के मंदिरों में दलित और पिछड़े पुजारियों की नियुक्ति का अभियान भी सिंघल ने चलाया. दलित और पिछड़ों को वेद पढ़ने के लिए मुहिम चलाई, शंकराचार्यों से सहमति भी दिलवाई. दक्षिण भारत में दलित पुजारियों के प्रशिक्षण का बड़ा काम सिंघल ने शुरू करवाया. हिंदुओं के धर्मांतरण के खिलाफ भी सिंघल ने मोर्चा खोला. वनवासी इलाकों और जनजातियों से जुड़े करीब 60 हजार गांवों में उन्होंने एकल स्कूल खुलवाए. सैकड़ों छात्रावास भी पूर्वोत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक खड़े किए.
दुनिया के 60 से ज्यादा देशों में अशोक सिंघल ने विश्व हिंदू परिषद के सेवा कार्य शुरू किए. खास तौर पर संस्कृत, वेद और कर्मकांड और मंदिरों के रखरखाव पर उनका जोर था. आधुनिक शिक्षा और शहरीकरण में उपभोक्तावाद के खिलाफ परिवार को मजबूती देने में भी वो जुटे रहे.