Delhi-NCR Pollution Update देश की राजधानी दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है. दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 481 तक पहुंच चुका है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में GRAP-4 नियम लागू कर दिया गया है. GRAP-4 लागू होने के साथ ही कक्षा 10वीं और 12वीं के अलावा सभी छात्रों के लिए फिजिकल क्लासेस बंद कर दी गई हैं और अगले आदेश तक ऑनलाइन मोड में क्लासेस चलेंगी. इस बीच मौसम विभाग ने दिल्ली में घना कोहरा रहने की संभावना व्यक्त की है. कोहरे और धुंध की चादर के कारण दिल्ली में विजिबिलिटी में कमी आई है.
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अपने चरम पर पहुंच गया है. पूरे 24 घंटे के औसतन आंकड़ों को देखें तो दिल्ली का समग्र प्रदूषण स्तर 486 तक पहुंच गया है. दो स्थानों, द्वारका और नजफगढ़ ने तो अधिकतम संभव प्रदूषण स्तर 500 को भी छू लिया है, जो कि गंभीर चिंता का विषय है. दिल्ली के सबसे पॉश इलाकों जैसे इंडिया गेट और मंदिर मार्ग भी अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों की सूची में शामिल है. इंडिया गेट पर प्रदूषण का स्तर 498 और मंदिर मार्ग पर 497 रिकॉर्ड किया गया है.
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-IV) जैसी सख्त व्यवस्थाएं लागू होने के बाद भी अभी तक कोई राहत नहीं मिली है. पंजाबी बाग और अशोक विहार में प्रदूषण स्तर 497 और 495 रिकॉर्ड किया गया है. इसी तरह, पूसा, लाजपत नगर और बवाना में भी प्रदूषण स्तर 495 पर बना हुआ है.
प्रदूषण की इस गंभीर स्थिति ने दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य पर खतरे की घंटी बजा दी है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जल्द ही कदम नहीं उठाए गए तो यह स्थिति और भी बिगड़ सकती है. लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे बाहर निकलने से बचें और जब भी बाहर जाएं तो मास्क का उपयोग करें. दिल्ली की सड़कों पर वाहनों का उपयोग कम करने के निर्देश दिए गए हैं.
(इनपुट- कुमार कुणाल)
दिल्ली में कोहरे के बीच विजिबिलिटी कम होने के कारण पांच उड़ानें (जयपुर-04, देहरादून-01) डायवर्ट की गई हैं.
व्यापारी संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने वायु प्रदूषण पर चिंता जताई और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि अब शादी-ब्याह का सीजन चरम पर है. दिल्ली में दूसरे शहरों से भी ग्राहक आते हैं. अब प्रदूषण की वजह से लोग आना नहीं चाहते. बहुत से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. सीटीआई महासचिव गुरमीत अरोड़ा और विष्णु भार्गव का कहना है कि प्रदूषण ना केवल दिल्ली की समस्या है बल्कि नोएडा, फरीदाबाद, गुड़गांव, सोनीपत जैसे एनसीआर के शहरों में भी AQI लेवल गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है और इसका समाधान केन्द्र सरकार ही निकाल सकती है.
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दिल्ली और आस-पास के इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद भी हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं. पंजाब में रविवार को खेतों में आग लगने की 400 से अधिक ताजा घटनाएं सामने आई हैं, इस सीजन में राज्य में ऐसे मामलों की संख्या 8,404 हो गई है. पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर ने पराली जलाने की नई घटनाओं की संख्या 404 बताई है. जिसमें फिरोजपुर में 74 मामले हैं, जो राज्य में सबसे अधिक है, इसके बाद बठिंडा में 70, मुक्तसर में 56, मोगा में 45 और फरीदकोट में 30 मामले हैं.
उत्तर प्रदेश में ठंड ने दस्तक दे दी है. प्रदेश के कई जिलों में न्यूनतम तापमान लुढ़कर 15 डिग्री सेल्सियस तक आ पहुंचा है.मौसम विभाग का भी अनुमान है कि आने वाले कुछ दिनों में न्यूनतम तापमान में थोड़ी और गिरावट देखी जा सकती है. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सुबह के समय कोहरा दिख रहा है. मुरादाबाद के आसमान में भी धुंध की चादर देखने को मिल रही है.
GRAP-4 लागू होने के साथ ही आज (सोमवार) से कक्षा 10वीं और 12वीं के अलावा सभी छात्रों के लिए फिजिकल क्लासेस बंद कर दी गई हैं और सभी अगले आदेश तक ऑनलाइन मोड में क्लासेस चलेंगी.
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दिल्ली में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए GRAP-4 लागू करना पड़ा है. दिल्ली में अभी औसत AQI 480 के पार है. सुबह 6 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के द्वारका में AQI का स्तर 499 तक पहुंच चुका है. सबसे चिंताजनक ये कि दिल्ली के सभी इलाकों में AQI का स्तर 400 के पार जा चुका है. हालात ऐसे हैं कि दिल्ली-एनसीआर धुंध की मोटी परत में लिपटा हुआ है. इस धुंध की वजह से विजिबिलिटी काफी घट गई है. फिलहाल दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी महज 100 मीटर तक रह गई है.
देश की राजधानी दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है. दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 481 तक पहुंच चुका है. वहीं, नोएडा का AQI 304, गुरुग्राम का AQI 287 और आनंद विहार का AQI 458 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के खतरनाक स्तर को दर्शाते हैं.