दिल्ली एमसीडी चुनाव के सबसे बड़े सियासी कार्यक्रम आजतक पंचायत में बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने भरोसा जताया है कि 15 साल बाद भी दिल्ली की जनता उन्हें ही जिताने वाली है और फिर एमसीडी में उन्हीं की पार्टी का मेयर बनेगा. गंभीर ने बीजेपी का विजन भी बताया और ये भी स्पष्ट किया कि आखिर क्यों जनता उन पर भरोसा करने वाली है.
गौतम गंभीर ने कहा कि देखिए एमसीडी में मैंने अपने कार्यकाल में कई लैंडफिल में काम किया है, आने वाले वक्त में ये खत्म होंगी. दिल्ली में हर सड़क पर कूड़े वाला नारा अब पुराना हो गया है. अब तो कूड़े की गाड़ी आपके घर के सामने आती है, कूड़ा लेकर जाया जाता है. मेरे क्षेत्र में कैसे स्कूल बने हैं, एक बार देखिए. डेंगू कोरोना से तो एमसीडी ने ही लड़ाई लड़ी है. सात लाख छात्र जो पहले पढ़ते थे, अब साढ़े आठ लाख छात्र हो गए हैं. बिना काम के हमे वोट नहीं मिलते...सच्चाई तो ये है कि आपने आठ साल में क्या किया है. बीजेपी अकेली ऐसी पार्टी है जिसने जहां झुग्गी वहां पक्के मकान देने का काम किया है. हमारे पास बस हजारों करोड़ का बजट नहीं है, दिल्ली की जनता को समझना चाहिए कि बीजेपी ने क्या काम किया है.
वहीं बीजेपी का आगे क्या विजन रहने वाला है, इसे लेकर भी गौतम गंभीर ने विस्तृत जवाब दिया है. इस बारे में वे कहते हैं कि सिर्फ जो वादे पूरे किए जा सकते हैं, वो करेंगे.हमे दिल्ली में मल्टी लेवल पार्किंग चाहिए....ये बहुत बड़ी समस्या है....इससे रेवन्यू जनरेट होगा...लोगों को रोजगार मिलेगा...आबादी बढ़ रही है...ऐसे में जब तक ऑउट ऑफ तक बॉक्स समाधान नहीं दिए जाएंगे...काम नहीं बनेगा....मैं मानता हूं कि इसकी योजना बनानी पड़ेगी....अभी तक सिर्फ तीन हजार गाड़ियों के लिए मल्टी पॉर्किंग सुविधा दी गई है...लेकिन अब अगर मौका मिलेगा तो इस पर काम किया जाएगा...ट्रैफिक कंट्रोल होगा इससे.
गौतम गंभीर ने जोर देकर कहा कि केजरीवाल सिर्फ प्रचार में पैसे लगाते हैं, उनकी तरफ से सिर्फ झूठे वादे किए जाते हैं. कार्यक्रम में गौतम गंभीर ने कहा कि आम आदमी पार्टी नेरेटिव सेट करने में माहिर हो गई है. हम तो ये मानते हैं कि आप की तरफ से नेरेटिव सेट किया गया है. उनके पास बहुत पैसा है, वे बड़े-बड़े विज्ञापन दे देते हैं. लेकिन हम ऐसा नहीं कर पा रहे हैं. एमसीडी के पास इतना बजट नहीं होता है. मेरे पास इतना बजट नहीं है. लेकिन हमे भरोसा है कि जनता के सामने सच जरूर आएगा. ये वहीं लोग हैं जिन्होंने कोरोना की दूसरी लहर के समय अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन दिए थे. जिस समय उस पैसे की जनता को जरूरत थी, इन लोगों ने सिर्फ विज्ञापन पर ध्यान दिया.
गौतम गंभीर ने आप के उन दावों पर भी सवाल खड़े किए जहां कहा गया कि स्कूलों की स्थिति को सुधार किया गया है. इस बारे में वे कहते हैं कि बड़े दावे तो ये लोग पिछले आठ साल कर रहे हैं, दिल्ली को लंदन बनाने की बात करते रहते हैं. ये लोग कहते हैं कि स्कूल में क्रांतिकारी काम किया, बिना स्कूल खोले इन्होंने ये काम कर दिया. इन लोगों ने एक नया फ्लाइओवर नहीं बनाया. दिल्ली मॉडल क्या है, समझ से परे है...इन्होंने तो फ्री बिजली के दम पर सरकार बनाई है, लेकिन ये एक बड़ा मिथ है. हमारे पास इतना पैसा नही है, इसलिए नेरेटिव सेट नहीं कर सकते हैं.