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ऑक्सीजन का संकट बरकरार, दिल्ली के दो अस्पतालों में मरीजों की सांसें अटकी

दिल्ली के श्री राम सिंह अस्पताल में 36 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है. इनमें से 16 मरीज आईसीयू में है. अस्पताल ने बताया कि उसके पास अब 6 बजे तक की ही ऑक्सीजन बची है. वहीं, महाराजा अग्रसेन अस्पताल में भी दो घंटे की ही ऑक्सीजन बची है.

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दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत है. (फाइल फोटो-PTI)
दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत है. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • श्री राम सिंह अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत
  • अस्पताल के पास आधे-पौने घंटे की ही ऑक्सीजन बची
  • महाराजा अग्रसेन अस्पताल में भी दो घंटे की ऑक्सीजन बची

राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत बढ़ती ही जा रही है. दिल्ली के दो अस्पतालों में अब कुछ ही घंटों की ऑक्सीजन बची है. अगर वक्त रहते ऑक्सीजन नहीं मिली, तो कोरोना मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है. पूर्वी दिल्ली के श्री राम सिंह हॉस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीट्यूट ने बताया है कि उसके पास ऑक्सीजन खत्म होने की कगार पर है. अस्पताल ने ये जानकारी शाम सवा 5 बजे के आसपास दी. उसने बताया कि उसके पास सिर्फ आधे से पौने घंटे की ऑक्सीजन ही बची है. अगर जल्द ही ऑक्सीजन नहीं भेजी गई, तो कोरोना मरीजों की जान मुश्किल में पड़ सकती है.

अस्पताल के मुताबिक, उसके यहां 36 कोरोना मरीज भर्ती हैं. इनमें से 16 मरीज आईसीयू में एडमिट हैं. अस्पताल के पास सिर्फ आधे-पौने घंटे की ऑक्सीजन ही बची है. श्रीराम अस्पताल में अभी तक ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं पहुंच पाए हैं. इसके बाद अस्पताल दूसरे अस्पताल से सिलेंडर लेकर काम चला रहा है. 

वहीं, महाराजा अग्रसेन अस्पताल ने भी बताया कि उसके यहां अब सिर्फ दो घंटे की ही ऑक्सीजन बची है. अस्पताल में 250 कोरोना मरीज ऑक्सीजन पर हैं. अस्पताल का कहना है कि बार-बार कहने के बाद भी ऑक्सीजन नहीं मिली है. उन्हें जल्द से जल्द से ऑक्सीजन की जरूरत है.

दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत बढ़ती ही जा रही है. आलम ये है कि कई अस्पतालों ने या तो मरीजों को भर्ती करना ही बंद कर दिया है या फिर अस्पताल में बेड ही कम कर दिए हैं. बताया जा रहा है कि दिल्ली के अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी के चलते अब कोरोना मरीजों का पलायन भी शुरू हो गया है. दिल्ली के कोरोना मरीज अब पंजाब या आसपास के राज्यों में इलाज कराने के लिए पलायन कर रहे हैं. 

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दिल्ली के पास केंद्र की तरफ से 378 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का कोटा है. हालांकि, दिल्ली सरकार के अनुरोध पर केंद्र ने दिल्ली का कोटा 378 टन से बढ़ाकर 480 टन प्रति दिन कर दिया था. हालांकि, मुख्यमंत्री केजरीवाल का कहना है कि अब भी केंद्र सरकार की तरफ से राजधानी को 335 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही मिल पा रही है. दिल्ली सरकार का अनुमान है कि उसे रोजाना 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है. इस आधार पर केजरीवाल सरकार ने केंद्र से दिल्ली का कोटा 480 टन से बढ़ाकर 700 टन करने का अनुरोध किया है.

 

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