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नर्सरी एडमिशन: HC से निजी स्कूलों को बड़ी राहत, दाखिले में दखल नहीं दे सकती सरकार

राजधानी में नर्सरी एडमिशन मामले पर अहम फैसला देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि आगे से सभी एडमिशन गांगुली कमेटी के दिशानिर्देशों के मुताबिक किए जाएं. कोर्ट के फैसले से साफ है कि अगले साल यानी 2015-16 से एडमिशन पर उपराज्यपाल की गाइडलाइंस लागू नहीं होंगी.

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HC verdict on nursery admission
HC verdict on nursery admission

राजधानी में नर्सरी एडमिशन मामले पर अहम फैसला देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि आगे से सभी एडमिशन गांगुली कमेटी के दिशा निर्देशों के मुताबिक किए जाएं. कोर्ट के फैसले से साफ है कि अगले साल यानी 2015-16 से एडमिशन पर उपराज्यपाल की गाइडलाइंस लागू नहीं होंगी.

कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 19 के प्रावधान 1(जी) के तहत सरकार के पास निजी स्कूलों के लिए गाइडलाइंस बनाने का अधिकार नहीं है और वह दखल न दे.

दरअसल दिल्ली के उपराज्यपाल ने 18 दिसंबर 2013 को नर्सरी एडमिशन के दिशा निर्देश जारी किए थे. अभिभावकों के एक समूह ने इसके खिलाफ याचिका दायर की थी. अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए न्यायमूर्ति मनमोहन ने दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए नर्सरी दाखिले के लिए नई अधिसूचना जारी करने से भी रोका था .

अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अपने आदेश को सुरक्षित रखने के दौरान कहा था कि याचिकाएं निरर्थक हो जाएंगी अगर सरकार नए दिशा निर्देश जारी करती है.

अब शुरू होगी स्कूलों की धांधलेबाजीः एडमिशन एक्सपर्ट
हाईकोर्ट के इस निर्देश के बाद अब जानकारों का मानना है कि अब स्कूल प्रशासन पुरी तरह से स्वतंत्र हो जाएगा. हर स्कूल अपने हिसाब से नियम और कानून बनाएंगे. जानकारों का मानना है कि पिछले साल जिस प्रकार से मैनेजमेंट कोटे में कटौती की गई थी. अब इस अध्यादेश के बाद स्कूल प्रशासन पिछले साल का भी हर्जाना वसूल कर लेंगे. अगर स्कूल प्रशासन इस फैसले के बाद अभिभावकों के हित में काम नहीं करेगी, तो आनेवाले दिनों में इस फैसले को कोर्ट में चैलेंज भी किया जाएगा.

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