जेएनयू में राष्ट्रगान के दौरान छात्रों की कम संख्या से उपजे विवाद पर जेएनयू प्रशासन की तरफ से जवाब भेजा गया है. एक प्रेस रिलीज के जरिए बताया गया है कि छात्रों की उपस्थिति अच्छी खासी थी साथ ही कुछ तस्वीरें भी भेजी गई हैं जिनके जरिए दिखाया गया है कि टीचर, प्रोफेसरों से लेकर स्टूडेंट्स भी इस राष्ट्रगान में शामिल हुए थे.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की पीआरओ पूनम कुदेशिया ने पूरी जानकारी दी और कहा कि वाइस चांसलर के नेतृत्व में विश्वविद्यालय में यह पूरा कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया.
छात्रों की कम उपस्थिति को लेकर छपी थी खबर
23 अगस्त को हुए राष्ट्रगान कार्यक्रम में छात्रों की कम उपस्थिति को लेकर कई जगह खबर छपी थी. जिसके बाद जेएनयू प्रशासन ने इस बात का पूरी तरह से खंडन किया और कहा कि इस आयोजन में छात्र-छात्राओं ने भी अच्छी खासी तादाद में हिस्सा लिया था, हालांकि स्टूडेंट्स ने एडमिन ब्लॉक और हमेशा प्रदर्शन में इकट्ठा होने वाले प्वाइंट की बजाय अपने स्कूल और क्लास रूम में हिस्सा लिया था.
'आजादी 70 याद करो कुर्बानी' कार्यक्रम का हुआ था आयोजन
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अपने निर्देश में यूजीसी से जुड़े सभी कॉलेजों में 9 से 23 अगस्त तक आजादी 70 याद करो कार्यक्रम का आयोजन करवाने को कहा था. साथ ही यह भी निर्देश दिए गए थे कि 23 अगस्त को सुबह 11 बजे सभी विश्वविद्यालयों में एक साथ राष्ट्रगान का आयोजन किया जाए. उसके बाद जेएनयू में भी इस तरह का आयोजन किया गया था. जेल प्रशासन ने बताया कि पूरे 14 दिन यह कार्यक्रम जेएनयू में मनाया गया.
कुछ छात्रों ने आदेश को तुगलकी बताया
यूजीसी के इस आदेश को कुछ छात्रों ने तुगलकी फरमान बताया. छात्रों का कहना था कि उन्हें यह आदेश तुगलकी लगता है और इस आदेश की कतई जरूरत नहीं लगती है.