दिल्ली नगर निगम की वार्ड कमेटी और हर जोन से एक एक स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य का बुधवार को होने वाला चुनाव टल गया है. एमसीडी की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से इनकार करते हुए कहा कि अंतरात्मा उन्हें अलोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति नहीं देती है.
मेयर ने कहा कि केवल एक दिन के नोटिस के कारण नामांकन दाखिल करने में असमर्थ पार्षदों से कई ज्ञापन प्राप्त हुए हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए नामांकन के लिए पर्याप्त समय प्रदान करना आवश्यक है.
मेयर की दलील
मेयर ने कहा, 'मेरे निर्देश के बाद नगर निगम सचिव को चुनाव की अधिसूचना देने में पांच दिन लग गए, तो नामांकन दाखिल करने के लिए केवल एक दिन कैसे दिया जा सकता है.'
उन्होंने कहा कि एमसीडी के इतिहास में नामांकन दाखिल करने के लिए पहले कभी इतना कम समय नहीं दिया गया.मेयर ओबेरॉय ने आयुक्त को नामांकन दाखिल करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का नोटिस देकर चुनाव प्रक्रिया फिर से शुरू करने का निर्देश दिया है.
बुधवार को होना था चुनाव
मेयर के पीठासीन अधिकारी नियुक्त नहीं करने की स्थिति में भले ही अभी इलेक्शन ना हो लेकिन इसे लेकर हंगामा होना तय है. पार्षद इलेक्शन के वक्त होकर इस पूरे मुद्दे पर जोरदार प्रदर्शन कर सकते हैं. आपको बता दें कि बुधवार यानि 4 सितंबर को सुबह 10:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक 12 वार्ड कमेटियों का चुनाव होना था इसके लिए निगम प्रशासन ने दिशा निर्देश जारी किए थे.
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दरअसल, दिल्ली नगर निगम के 12 जोन में से 7 जोन में बीजेपी तो 5 जोन में आम आदमी पार्टी को बहुमत है. लेकिन क्रॉस वोटिंग के चलते दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने पार्षदों पर नजर रखी हुए थे. विपक्षी भारतीय जनता पार्टी का पूरा फोकस साउथ जोन के साथ रोहिणी जोन पर टिक गया है. क्योंकि इन दोनों जोन में भाजपा बहुमत में नहीं है. इसके बाद भी पार्टी ने प्रत्याशी उतार दिए हैं. वहीं आम आदमी पार्टी का 5 जोन में बहुमत होने के बाद भी उसने 11 जोन में प्रत्याशी उतार दिए हैं, जिससे भाजपा की मुसीबत भी बढ़ गई है.
दरअसल, दिल्ली नगर निगम के 12 जोन में से 7 जोन में बीजेपी तो 5 जोन में आम आदमी पार्टी को बहुमत है. लेकिन क्रॉस वोटिंग के चलते दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने पार्षदों पर नजर रखी हुई थी.