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जब भी केजरीवाल के काम पर बात होती है, भाजपा गांधी के 3 बंदर बन जाती है- संजय सिंह

जब से दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का नाम शराब घोटाले से जुड़ा है, आम आदमी पार्टी का बीजेपी पर निशाना जारी है. संजय सिंह और राघव चड्डा ने बीजेपी पर तीखे सवाल दाग दिए हैं. दावा कर दिया गया है कि बीजेपी केजरीवाल की लोकप्रियता से डर गई है.

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आप नेता संजय सिंह
आप नेता संजय सिंह
स्टोरी हाइलाइट्स
  • संजय सिंह बोले- पहले भी छापे पड़े, कुछ नहीं निकला
  • राघव का बयान- ये मोदी बनाम केजरीवाल का मुकाबला

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया शराब घोटाले में फंसते जा रहे हैं. सीबीआई ने अपनी FIR में सिसोदिया को मुख्य आरोपी बता दिया है. वहीं रेड के दौरान भी कुछ दस्तावेज बरामद किए गए हैं. इस कार्रवाई ने एक बार फिर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच जुबानी जंग शुरू कर दी है. आप सांसद संजय सिंह ने तो सीधे-सीधे भाजपा की तुलना महात्मा गांधी के तीन बंदरों से कर दी है.

संजय सिंह का बीजेपी पर हमला

संजय सिंह कहते हैं कि केजरीवाल के काम के मामले में भाजपा वाले गांधी जी के बंदर हो जाते हैं. ये न तो केजरीवाल का काम देखेंगे, न सुनेंगे, न कुछ बोलेंगे. जैसे ही केजरीवाल सरकार के शिक्षा और स्वास्थ्य के किसी अच्छे काम की चर्चा होने लगती है, भाजपा वाले तुरंत गांधी जी के बंदर हो जाते हैं. ये कहते हैं कि न हम अच्छा काम देंखेंगे, उन सुनेंगे और न उस पर कुछ बोलेंगे. गांधी जी के बंदर तो बुरा न देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो के लिए बने हुए थे, तुम तो केजरीवाल से दुश्मनी कर रहे हो. आप नेता ने पिछली रेड का जिक्र करते हुए हिसाब भी मांगा कि पहले कौन सा सबूत मिला था, पहले किसे गिरफ्तार किया गया.

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पिछले मामलों का क्या हुआ, कौन गिरफ्तार- संजय

इस बारे में संजय ने कहा कि पिछले कई घंटे से सीबीआई की जांच चल रही है. एक नहीं, एक हजार जांच कराओ. पहले भी भाजपाइयों ने जांच कराई थी. कई-कई बार जांच कराई थी और ऐसे ही चीख-चीख कर कह रहे थे. जब अरविंद केजरीवाल के दफ्तर पर आपने छापे मारे थे, तब कहा था कि राजेंद्र कुमार का बहुत बड़ा घोटाला पकड़ लिया. उस जांच को सात साल हो गए, उस जांच का क्या हुआ? कोई जवाब देगा. मनीष सिसोदिया के घर पर पहले भी सीबीआई ने छापा मारा, उसमें क्या निकला कोई जवाब देगा. शुंगलू कमेटी ने 400 फाइलों की जांच की और बाद में क्लीन चीट दे दिया. हमारे 40-40 विधायकों को पकड़कर जेल में डाला, कोई कार्रवाई की. क्या उन पर कुछ साबित हो पाया. कोर्ट ने बरी किया और कई मामलों में दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई. इतनी दुर्भावना से कार्रवाई की जा रही है.

बीजेपी नेताओं पर कार्रवाई क्यों नहीं- संजय

अब एक तरफ संजय सिंह ने अपनी पार्टी को डिफेंड किया तो दूसरी तरफ बीजेपी पर कई गंभीर सवाल भी दाग दिए. जोर देकर कहा गया कि कई बीजेपी नेताओं पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, लेकिन कितनों पर कार्रवाई हुई, कितनों को गिरफ्तार किया गया? इस पर संजय सिंह ने कहा है कि डीएचएफएल ने 42 हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया, उससे भाजपा ने 29 करोड़ रुपए चंदा लिया. कितने से ईडी और सीबीआई ने पूछताछ की. एवीजी शिपयार्ड ने 23 हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया. गुजरात के अंदर अड़ानी के पोर्ट पर 30 हजार करोड़ रुपए की ड्रग्स पकड़ी गई, कितनों पर कार्रवाई हुई. मुकुल राय भाजपा में आ जाएं, तो शारदा घोटाला खत्म. हेमंत विश्वशर्मा भाजपा में आ जाएं, तो घोटाला खत्म. गुजरात में जहरीली शराब का हर साल 10 हजार करोड़ रुपए का अवैध धंधा होता है. भाजपा बताए कि कितनों पर कार्रवाई हुई. भाजपा देश को बताए कि कितने भाजपा नेताओं को जेल में भेजा.

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केजरीवाल बनाम मोदी की लड़ाई- राघव

संजय सिंह के अलावा आप नेता राघव चड्ढा ने भी इस पूरे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इस कार्रवाई को केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता से जोड़ दिया. उन्होंने इसे मोदी बनाम केजरीवाल की लड़ाई बता दिया. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे सीएम अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता बढ़ रही है, वैसे-वैसे सीबीआई-ईडी की फर्जी रेड बढ़ रही हैं.‌ दिल्ली मॉडल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने पर खुश होने के बजाय पीएम मोदी ने सिसोदिया के घर सीबीआई भेजी. भारत में नरेंद्र मोदी का विकल्प बनकर अरविंद केजरीवाल सामने आए हैं. भाजपा का मकसद शराब,शराब नीति और भ्रष्टाचार रोकना नहीं, बल्कि केजरीवाल को रोकना है.‌

विज्ञापन विवाद पर राघव चड्ढा

राघव चड्ढा ने तो यहां तक आरोप लगा दिया कि आप की तारीफ में हर तरफ लेख लिखे जा रहे हैं, इसी वजह से सरकार बौखला गई है. वे कहते हैं कि केजरीवाल मॉडल ऑफ गुड गवर्नेस और दिल्‍ली की शिक्षा क्रांति के बारे में अमेरिका के एक बड़े अखबार में लिखा जाता है. इसके बाद अगले ही दिन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआई का छापा पड़ जाता है. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब न्यूयॉर्क टाइम्स का अखबार पढ़ा होगा तो वह परेशान हो गए होंगे. इसलिए ही शायद सीबीआई, ईडी आदि एजेंसियां आम आदमी पार्टी के नेताओं पर छोड़ी जा रही हैं. यह कोई इत्तेफाक नहीं,बल्कि मोदी सरकार की आम आदमी पार्टी के प्रति बौखलाहट है.

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