जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में नौ फरवरी को हुई देशविरोधी नारेबाजी के आरोपी छात्रों को फिर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. कुलपति एम जगदीश कुमार की ओर से गठित आंतरिक जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में कुछ छात्रों को विवादित समारोह के लिए दोषी पाया है. इस बीच दिल्ली पुलिस ने जांच के सिलसिले में उमर और अनिर्बान के लैपटॉप जब्त कर लिए.
तोड़े गए जेएनयू के नियम-कानून
उच्च स्तरीय आंतरिक जांच समिति ने नौ फरवरी के विवादित आयोजन की जांच के दौरान 21 छात्रों को दोषी पाया है. उन छात्रों को यूनिवर्सिटी के नियम और कानून तोड़ने के मामले में फिर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
High level inquiry committee constituted by JNU VC to enquire into 9th Feb incident submits unanimous report.
— ANI (@ANI_news) March 14, 2016
चीफ प्रॉक्टर करेंगे अगली कार्रवाई
यूनिवर्सिटी प्रशासन के मुताबिक ऐसे मामलों में आमतौर पर कड़ी कार्रवाई करने का प्रावधान है. चीफ प्रॉक्टर इस बारे में अगली कार्रवाई करेंगे. इसके पहले दोषी पाए गए छात्रों की ओर से नोटिस के जवाब का इंतजार किया जा रहा है.
Some students found to have violated JNU's rules as per the report. There are standard provisions in Uni rules to take action in such cases.
— ANI (@ANI_news) March 14, 2016
Office of Chief Proctor would take further action by issuing show cause notices to concerned students.
— ANI (@ANI_news) March 14, 2016
उमर-अनिर्बान के रूम की तलाशी के लिए नोटिस
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने इस मामले में जेएनयू को एक नोटिस दिया है. इसमें कहा गया है कि पुलिस उमर और अनिर्बान के हॉस्टल रूम की तलाशी लेना चाहते हैं. इतना ही नही नोटिस में लिखा है कि उन दोनों के लैपटॉप को भी चेक किए जाने की जरूरत है. इसके बाद दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर की अगुवाई में पहुंची टीम ने दोनों के लैपटॉप जब्त कर लिए.
आठों आरोपी छात्रों का निलंबन वापस
इसके पहले जांच रिपोर्ट आने के बाद 11 मार्च को कन्हैया समेत उन 8 छात्रों का निलंबन वापस ले लिया गया था. वे सभी 9 फरवरी को विवादित कार्यक्रम करने के आरोपी हैं. यूनिवर्सिटी ने 10 फरवरी को एक जांच टीम का गठन किया था और 12 फरवरी को छात्रों को निलंबित किया गया था. समिति की सिफारिशों पर यूनिवर्सिटी का फैसला अभी बाकी है.