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दिल्ली: कश्मीरी छात्रों को रूम नहीं देने पर रिसेप्शनिस्ट ने दी सफाई, कहा- बदनाम करने की कोशिश

कश्मीरी छात्रों के होटल विवाद को लेकर उत्तर पश्चिम जिले की पुलिस उपायुक्त ऊषा रंगनानी ने कहा कि शुरुआती तौर पर यह क्षेत्रीय आधार पर भेदभाव का मामला लग रहा है. इस मामले की अभी जांच चल रही है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कश्मीरी छात्रों को होटल में कमरा नहीं देने के मामले ने पकड़ा तूल
  • रिसेप्शनिस्ट ने कहा, बदनाम करने की साजिश

दिल्ली के जहांगीरपुरी के होटल का वीडियो बीते दिनों तेजी से वायरल हुआ था जिसमें ये आरोप लगाया गया था कि कश्मीरी पहचान पत्र की वजह से गेस्ट (कश्मीरी छात्र) को रूम नहीं दिया गया. अब उस वीडियो में नजर आ रही होटल की रिसेप्शनिस्ट ने अपना एक वीडियो जारी किया है और उसने उसने कहा है कि जो वीडियो वायरल हो रहा है यह उसे बदनाम करने के लिए किया जा रहा है जबकि वहां ऐसा कुछ नहीं हुआ था.

होटल की रिसेप्शनिस्ट ने वीडियो जारी कर बताया कि गेस्ट जब आए उस वक्त 10 में से 9 रूम बुक थे. एक नॉन एसी कमरा था और उसका टीवी भी काम नहीं कर रहा था. मैंने गेस्ट को वह कमरा दिखा दिया और उनसे बोला कि आप इस कमरे में रह लीजिए और जैसे ही कोई दूसरा कमरा आधे घंटे में खाली होगा मैं आपको वह कमरा दे दूंगी. 

महिला रिसेप्शनिस्ट के मुताबिक गेस्ट इसके लिए तैयार नहीं थे. उन्होंने मुझसे बहस की. रिसेप्शनिस्ट ने कहा कि अगर मुझे उन्हें रूम नहीं देना होता तो मैं उनकी एंट्री क्यों करती और उनका पहचान पत्र क्यों लेती. 

महिला ने कहा जो वीडियो वायरल हो रहा है वह मुझे बदनाम करने के लिए बनाया जा रहा है जिस वजह से वो काफी तनाव में है और उसकी तबीयत भी खराब हो गई है.

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बता दें कि वीडियो वायरल होने के बाद ओयो ने उस होटल को अपने प्लेटफॉर्म से बाहर कर दिया और कंपनी ने सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी भी दी.

वहीं मामले के तूल पकड़ने के बाद महेंद्र पार्क थाने में पुलिस ने होटल के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है. 

पुलिस की तरफ से बताया गया है कि शिकायत में छात्रों का आरोप है कि आईडी दिखाए जाने के बाद भी उन्हें होटल ने कमरा देने से मना कर दिया क्योंकि वो जम्मू-कश्मीर से आए थे.

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