सरकारी अस्पतालों की जानलेवा लापरवाही एक बार फिर सामने आई है. सोमवार को गाजीपुर में एक मासूम बच्ची की अचानक तबीयत खराब हो गई. बच्ची के गरीब माता-पिता उसे लेकर कई अस्पतालों में भटके, लेकिन सभी ने बच्ची को भर्ती करने से मना कर दिया. कुछ घंटों बाद बच्ची ने अपना दम तोड़ दिया.
दिल्ली के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में चक्कर काटने के बाद महज 26 दिन की मासूम की एलएनजेपी अस्पताल में मौत हो गई. हेडगेवार, चाचा नेहरु बाल अस्पताल, एलएनजेपी, कस्तूरबा गांधी और एम्स जैसे अस्पतालों ने कहीं नर्सरी मशीन तो कहीं नर्सरी ही ना होने की बात कह कर बच्ची लौटा दिया. विडंबना यह है कि जिस AIIMS में कल रात गरीब माता-पिता बच्ची को भर्ती करने के लिए गिड़गिडा रहे थे वहीं, देश के कई बड़े नेता सोनिया गांधी की तबीयत जानने के लिए जुटे हुए थे.