भारत सरकार ने गुरुवार को पैन इस्लामिक कट्टरपंथी ग्रुप हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) को आधिकारिक तौर पर बैन लगाकर आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है. गृह मंत्रालय और केंद्र सरकार का मानना है कि हिज्ब-उत-तहरीर आतंकवाद गतिविधियों में शामिल है और उसने भारत में आतंकवाद के कई कारनामों में भाग लिया है. इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है.
गृह मंत्री ने एक्स पर लिखा, आतंकवाद के प्रति नरेंद्र मोदी की जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत गृह मंत्रालय ने आज 'हिजब-उत-तहरीर' को 'आतंकवादी संगठन' घोषित कर दिया. यह संगठन आतंक के विभिन्न कृत्यों में शामिल है, जिसमें भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर आतंकवादी संगठनों में शामिल करना और आतंकी एक्टिविटी के लिए पैसे जुटाना शामिल है जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है. मोदी सरकार आतंकी ताकतों से सख्ती से निपटकर भारत को सुरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
सरकार का मानना है कि हिज्ब उत तहरीर एक आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है और भारत में आतंकवाद की कई एक्टिविटी में भी शामिल रहा है. इस संगठन का उद्देश्य जिहाद और आतंकवादी एक्टिविटी के जारिए से लोकतंत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को उखाड़ फेंककर भारत समेत विश्व स्तर पर इस्लामिक राज्य की स्थापना करना है. ये संगठन देश के नागरिकों को शामिल करके उस देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है.
वहीं, ये संगठन अपनी विचारधारा को फैलाने और भोले-भाले युवाओं को टेरर एक्टिविटी और ISIS जैसे आतंकवादी संगठन में युवाओं को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. हिज्ब उत तहरीर कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के इस्तेमाल कर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है.
तमिलनाडु में चला रहे थे अभियान
हिज्ब उल तहरीर आतंकी आकाओं के इशारे पर भारत में सक्रिय इसके कैडर गुप्त/एन्क्रिप्टेड संचार प्लेटफार्मों के जरिए अपने अनुयायियों तक एचयूटी की हिंसक विचारधारा फैला रहे थे. आरोपियों ने कई समूहों के साथ हिज्ब-उत-तहरीर की विचारधारा को फैलाने के लिए कई गुप्त बैठकें की थीं और पूरे तमिलनाडु में विभाजनकारी अभियान चलाए थे.
बात दें कि हिज्ब-उत-तहरीर की स्थापन साल 1953 में यरूशलेम में की गई थी. अपने गठन के बाद से ही ये संगठन एक विवादास्पद वैश्विक एजेंडे पर काम कर रहा है.