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इंडियन बैंक ने प्रेग्नेंट महिला को अस्थायी तौर पर बताया अनफिट, DCW ने दिया नोटिस

इंडियन बैंक ने प्रेग्नेंट महिला को अस्थायी तौर पर अनफिट बता दिया है, इसके बाद DCW ने बैंक को नोटिस भेजा है. साथ ही कहा है कि इस नियम को वापस लिया जाए.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बैंक ने गर्भवती महिला को बताया अनफिट
  • DCW ने लिया मामले का स्वतः संज्ञान

इंडियन बैंक ने एक प्रेग्नेंट महिला को अनफिट बताकर उसे अस्थायी रूप से अयोग्य करार दिया है. इसके बाद दिल्ली महिला आयोग (Delhi Commission for Women) ने इंडियन बैंक को नोटिस जारी कर रिक्रूटमेंट के नियमों को बदलने के लिए कहा है. 

बैंक ने कहा कि महिला 3 महीने की गर्भवती है तो वह नौकरी के लिए अस्थायी रूप से अयोग्य है. लिहाजा प्रसव के 6 सप्ताह के बाद महिला को फिटनेस प्रमाण पत्र देना होगा. फिर दिशा-निर्देशों के आधार पर महिला को पद पर नियुक्त कर दिया जाएगा.

एजेंसी के मुताबिक DCW ने अपने नोटिस में कहा कि इंडियन बैंक ये कार्रवाई 'भेदभावपूर्ण और अवैध' है, क्योंकि यह सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 के तहत प्रदान किए जाने वाले मातृत्व लाभों के विपरीत है. DCW ने कहा कि यह जेंडर के आधार पर भी भेदभाव करता है, जो भारत के संविधान के तहत मौलिक अधिकारों के खिलाफ है. DCW ने बयान में कहा कि उसने इस मुद्दे पर भारतीय रिजर्व बैंक को एक पत्र भी लिखा है.

हालांकि, बैंक ने एक बयान में कहा कि प्रेग्नेंसी के आधार पर किसी भी महिला कैंडिडेट को नौकरी से वंचित नहीं किया गया है. बैंक किसी भी लिंग-भेदभावपूर्ण में भरोसा नहीं रखती है. 

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DCW की अध्यक्ष ये बोलीं  

DCW की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि हमने कर्मचारियों की भर्ती के लिए इंडियन बैंक द्वारा नए दिशा-निर्देश तैयार करने पर मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा कि आयोग ने इंडियन बैंक को नोटिस जारी किया है और उन्हें महिला विरोधी दिशा-निर्देशों को वापस लेने के लिए कहा है. साथ ही यह नीति नीति कैसे तैयार की गई, इसकी पूरी डिटेल देने के आदेश भी दिए हैं. पैनल ने बैंक को 23 जून तक मामले में की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा है.

पहले लागू किए थे दिशा-निर्देश

दरअसल, इससे पहले जनवरी में एसबीआई ने नए नियम बनाए थे, जिसमें कहा गया था कि तीन महीने से अधिक समय की प्रेग्नेंट महिला कैंडिडेट 'अस्थायी रूप से अयोग्य' मानी जाएगी, वह प्रसव के चार महीने के भीतर दोबारा नौकरी ज्वॉइन कर सकती है. हालांकि आलोचना के बाद SBI ने प्रेग्नेंट महिलाओं की भर्ती को लेकर संशोधित दिशा-निर्देशों को सस्पेंड कर दिया था. 
 

 

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