आम आदमी पार्टी के कृष्णा नगर से विधायक एस के बग्गा के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो ने केस दर्ज किया है. एस के बग्गा पर निगम चुनाव में टिकट दिलाने के नाम पर एक लाख रुपये की डिमांड करने का आरोप है.
दरअसल, राजेश नाम के एक शख्स ने बातचीत की रिकॉर्डिंग के साथ एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में शिकायत दर्ज कराई थी. इस शिकायत के आधार पर विधायक को पहले पूछताछ के लिए भी बुलाया गया था. लेकिन अब इस मामले में एसीबी फिर से पूछताछ कर सकती है.
एस के बग्गा के खिलाफ पैसे मांगने की शिकायत 2015 के अक्टूबर महीने में की गई. पूरे मामले को लेकर 'आप' विधायक एस के बग्गा ने 'आजतक' से बातचीत करते हुए कहा कि ये उनके खिलाफ एक साजिश के अलावा कुछ भी नहीं है.
विधायक ने सफाई देते हुए बताया कि ये अक्टूबर-नंवबर 2015 की शिकायत है. अगस्त 2015 में जेसीबी मशीन से गुरुद्वारे की छत गिर गयी थी उसमें एक बच्चे की मौत हुई थी. उस मामले में सरकार ने 2 लाख रुपए दिए. इसके अलावा पीड़ित परिवार को मदद के लिए इलाके के सभी लोगों से पैसे इकट्ठे किये जाने थे. सभी लोगों से जब पैसे लौटने को कहा गया तो कॉल रिकॉर्ड कर इसे मेरे खिलाफ चलाया जा रहा है.
बग्गा का दावा है कि जिस शख्स ने आरोप लगाया है उसने माफीनामा भी लिखकर दिया है. बग्गा ने पूछा कि 7 मार्च को उन्हें एसीबी ने पूछताछ के लिए बुलाया था, फिर अगले दिन किस दवाब में एफआईआर दर्ज की गयी? एस के बग्गा ने कहा कि अभी मेरे पास मामले से जुड़ी कोई जानकरी नहीं है, सोमवार को एसीबी से सारे कागज लेने जाऊंगा.
निगम की टिकट बेचने के आरोप के सवाल पर बग्गा ने सफाई देते हुआ कहा कि निगम का चुनाव उस वक्त कहां से आ गया. तब 2015 में मुझे जीते हुए 4 महीने ही हुए थे. मैं टिकट देने वाला कौन होता हूं, टिकट देना पार्टी का मामला है. उस शख्स को मैं जानता हूं, हमारा वोटर है. मेरे पास मामले के पूरे सबूत हैं और तमाम आरोप बेबुनियाद हैं.
उधर, आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक बयान जारी कर अपने विधायक एस के बग्गा का बचाव किया है. बयान के मुताबिक एस के बग्गा के खिलाफ एक फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया है. तीन साल पुरानी एक आधारहीन शिकायत के आधार पर एसीबी ‘आप’ विधायक के खिलाफ काम कर रही है जो शिकायत तीन साल पहले साल 2015 में शिकायतकर्ता ने वापस भी ले ली थी.
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि बीजेपी द्वारा बंधक बनाई गई एसीबी, जो दिल्ली के लोगों द्वारा की गई भ्रष्टाचार की वास्तविक शिकायतों के खिलाफ तो कोई कार्रवाई नहीं करती है लेकिन आम आदमी पार्टी के निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ फर्जी और पुरानी शिकायतों के आधार पर उन्हें निशाना बनाती है, जाहिर है एसीबी अपने बीजेपी के राजनीतिक मालिकों के आदेश पर ही ऐसा कर रही है.
आम आदमी पार्टी ने अपने बयान में दावा किया है कि एसीबी ने अगस्त 2015 में दी गई एक शिकायत के आधार पर विधायक एस के बग्गा के खिलाफ अब एफआईआर दर्ज की है, जबकि शिकायतकर्ता ने नवंबर 2015 में तीन महीने के भीतर ही अपनी शिकायत को वापस ले लिया था. शिकायतकर्ता ने खुद जांच अधिकारी को लिखित में दिया है कि उन्होंने 2015 में स्थानीय विधायक एस के बग्गा के खिलाफ कुछ व्यक्तिगत कारणों की वजह से शिकायत दायर की थी और तीन महीने बाद उन्होंने कम से कम 10 गवाहों की उपस्थिति में उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप वापस ले लिए थे.
आम आदमी पार्टी के मुताबिक एसीबी द्वारा दर्ज की गई झूठी एफआईआर का आधार तीन साल पुरानी एक ऑडियो क्लिप है, जिसकी फोरेंसिक जांच में यह भी पता नहीं लगाया जा सकता कि क्या वो ऑडियो क्लिप वास्तविक है भी या फिर उसके साथ कोई छेड़छाड़ की गई है. आम आदमी पार्टी ने अपने विधायक के खिलाफ की गई एफआईआर के खिलाफ कानूनी सहारा लेने की बात कही है.