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नोटबंदी से अब किसान हुए परेशान, मंडी में नहीं मिल रहा कैश

नरेला मंडी में नोटबंदी से किसान, मजदूर और व्यापारी तीनों के सामने संकट खड़ा तो है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर कब तक यही स्थिति रहेगी क्योंकि नोटबंदी को महीना भर बीत चुका है और हालात वैसे नहीं हैं जैसै सरकार ने सोचे थे.

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नोटबंदी से अब किसान हुए परेशान
नोटबंदी से अब किसान हुए परेशान

बैंकों की कतार से होता हुआ नोटबंदी का असर अब धरतीपुत्र कहे जाने वाले किसानों पर पड़ रहा है. नरेला मंडी में धान की उपज लेकर आने वाले किसानों को व्यापारी नगद भुगतान नहीं दे रहे हैं, जिसके कारण वो फसल के परिवहन पर होने वाला खर्चा भी नहीं निकाल पा रहे. वहीं दूसरी तरफ बीज और खाद के लिए भी रुपये ना होने के कारण उनके सामने अगली फसल का संकट खड़ा हो गया है.

इन दिनों दिल्ली की नरेला मंडी में देश के अलग-अलग हिस्सों से किसान उनकी धान की फसल लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन कैश की कमी ने उनके सामने कई तरह की परेशानियां खड़ी कर दी हैं.

यूपी के सिरसागंज से किसान हरीश यादव धान की उपज लेकर नरेला मंडी पहुंचे, लेकिन नोटबंदी का ऐसा असर पड़ा कि अब घर वापस जाने के लाले पड़ गए हैं. फसल का दाम कैश में नहीं मिला, जिससे अब जिस ट्रक में उपज लेकर आए अब उसके डीजल और ड्राइवर की पेमेंट नहीं हो पा रही. व्यापारी कैश की बजाए चेक में भुगतान करने को तैयार तो हैं, लेकिन अगले तीन दिनों तक बैंक बंद होने के कारण सवाल ये है कि चैक को भुनाए कैसे.

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कुछ ऐसी ही परेशानी सोनीपत से आए जगवीर सिंह और मथुरा से आए निहाल सिंह नाम के किसानों की भी है. ये भी फसल लेकर आए तो हैं, लेकिन अब दिक्कत है कि कैश नहीं मिल रहा. ऐसे में इनके सामने संकट इस बात का है कि गेंहू की फसल के लिए जो बीज और खाद लाना है उसके लिए पैसा कहां से आएंगे.

किसान की परेशानी के अलावा व्यापारियों की अपनी परेशानी है. परेशानी ये कि खुद उनके पास कैश नहीं है, इसलिए वो चेक से भुगतान कर रहे हैं लेकिन वो खुद मान रहे हैं कि चेक से किसान पूरे पैसे नहीं निकाल पा रहा.

कुल मिलाकर नरेला मंडी में नोटबंदी से किसान, मजदूर और व्यापारी तीनों के सामने संकट खड़ा तो है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर कब तक यही स्थिति रहेगी क्योंकि नोटबंदी को महीना भर बीत चुका है और हालात वैसे नहीं हैं जैसै सरकार ने सोचे थे.

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