टमाटर नगरी के नाम से मशहूर छत्तीसगढ़ का जशपुर में गुरूवार को एक अनोखा नजारा देखने को मिला है. इस वर्ष टमाटर के बंपर उत्पादन होने के कारण किसानों को पूरा मेहनताना नहीं मिल पा रहा है. जिसके कारण आक्रोशित किसानों ने टमाटर कटनी-गुमला नेशनल-हाइवे पर फेंककर रास्ता जाम कर दिया.
जशपुर के पत्थलगांव, लुड़ेग, बागबहार, चिकनीपानी, झिमकी, सरईटोला में टमाटर की बड़ी मंडी लगती है. इन टमाटर मंडियों में छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों के अलावा झारखंड एवं ओड़िसा से व्यापारी पहुंचकर थोक में टमाटर की खरीदी किया करते है. लेकिन इस बार स्थानीय व्यापारियों एवं बिचौलियो ने बाहरी व्यापारियों को मंडी में घुसने से रोक दिया, जिसकी वजह से वह मंडी में टमाटर खरीद नहीं पाए.
केवल स्थानीय व्यापारी और बिचौलिए ही इन मंडियों से टमाटर की खरीदी कर रहे थे, जिसकी वजह से टमाटर की बिक्री अधिक नहीं होने के कारण एक रुपये प्रति किलो से भी कम भाव में
किसानों को टमाटर बेचना पड़ा. इतनी कम कीमत पर अपनी फसलों को बेचने से भी किसानों का टमाटर उत्पादन पर आय-लागत भी निकाल पाना मुश्किल हो गया. जिससे नाराज किसानों ने टमाटरो
को सड़कों पर बिखेर दिया. यहां की मंडियों में इससे पहले टमाटर 300 रूपये प्रति कैरेट बिक रहा था, लेकिन इस साल किसानों को खासा नुकसान उठानी पड़ा है.
जशपुर जिला प्रदेश का सर्वाधिक टमाटर उत्पादक जिले के रूप में जाना जाता है, यहां के किसान प्रतिवर्ष टमाटर से लाखों रुपयों की आय अर्जित करते है, लेकिन इस वर्ष इन किसानों को बड़ा नुक्सान उठाना पड़ रहा है.