ईस्ट एमसीडी अब जल्द ही उसके अधिकार क्षेत्रों में बसी अवैध कॉलोनियों से हाउस टैक्स वसूलने जा रही है. इस बाबत स्थाई समिति में प्रस्ताव पास किया गया और अब इसे सदन की भी स्वीकृति मिल गई है.
निगम की मानें तो इससे वित्तीय हालत सुधरेगी, लेकिन लेकिन सवाल ये है कि क्या दिल्ली सरकार निगम को इसकी इजाजत देगी? क्योंकि पिछली सरकार के वक्त लाए गए इसी प्रस्ताव को सरकार ने ठेंगा दिखा दिया था.
एमसीडी के लिए चौथे वित्त आयोग की रिपोर्ट को टेबल करने की मांग को लेकर ये हंगामा बुधवार को दिल्ली विधानसभा में हुआ. दरअसल, एमसीडी की वित्तीय हालत किसी से छुपी नहीं है. अभी ज्यादा दिन नहीं बीते, जब पूर्वी दिल्ली में सफाई कर्मियों ने हड़ताल कर उसे कूड़ेदान में तब्दील कर दिया था. बार-बार फंड मांगने के बाद कहीं जाकर दिल्ली सरकार ने फंड जारी तो किया, लेकिन इतना भी साफ कर दिया कि आगे से फंड के लिए दिल्ली सरकार पर आश्रित न रहे.
इसके बाद ईस्ट एमसीडी ने अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया, जिसके तहत अब निगम पूर्वी दिल्ली की लगभग 243 अवैध कॉलोनियों से हाउस टैक्स वसूलने जा रहा है, लेकिन ये इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि अवैध कॉलोनियों में एक बड़ा वोटबैंक रहता है. इस वोट बैंक को कोई भी इसे नाराज नहीं करना चाहता. यही कारण है कि जब 2011 में निगम पहली बार प्रस्ताव लाया था तो शीला सरकार ने उसको रुकवा दिया था.
आज तक के पास उस सर्कुलर की एक्सक्लूज़िव कॉपी भी है. जो मार्च 2013 में निगमों को भेजी गई थी. सर्कुलर में तीनों निगमों को अवैध कॉलोनियों से टैक्स न लेने की हिदायत दी गई है, लेकिन अब जिस तरह से निगम में फंड की कमी हो रही है उसको देखते हुए पूर्वी दिल्ली ने ये कदम सबसे पहले उठाया है. निगम का तर्क है कि खुद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने उन्हें राजस्व बढ़ाने की हिदायत दी और संपत्ति कर ही निगम की आय का सबसे बड़ा स्त्रोत भी है. ईस्ट एमसीडी के नेता सदन राम नारायण दूबे ने कहा, 'देखिए खुद केजरीवाल जी ने कहा था कि अपनी आय बढ़ाओ तो मुझे लगता है कि केजरीवाल साहब इस मामले में हमारा सपोर्ट करेंगे.'
अब भले ही ईस्ट एमसीडी ने अवैध कॉलोनियों से हाउस टैक्स लेने की तैयारी कर ली है, लेकिन दूसरी तरफ बीजेपी शासित नॉर्थ एमसीडी इसके लिए तैयार नहीं है. नॉर्थ दिल्ली के मेयर ने साफ कह दिया कि उनका निगम अवैध कॉलोनियों से संपत्ति कर नहीं लेगा. नॉर्थ दिल्ली मेयर रविंद्र गुप्ता ने कहा, 'देखिए हम दिल्ली की जनता पर किसी भी तरह का बोझ नहीं डालना चाहते और इसलिए नॉर्थ में इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं आएगा.'