दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए दूसरी कट ऑफ लिस्ट आ गई है. इसमें भी छात्रों के लिए ज्यादा राहत नहीं है. रामजस, किरोड़ीमल, हंसराज या श्यामलाल जैसे कॉलेजों में कट ऑफ परसेंटेज में ज्यादा या तो कोई बदलाव नहीं है. या है भी तो बहुत मामूली.
कई कॉलेजों में कुछ विषयों में दाखिला बंद हो चुका हैं. मसलन किरोड़ीमल ने भूगोल. राजनीति शास्त्र, इतिहास, बॉटनी , जूलॉजी, साख्यिकी, या उर्दू में दाखिले बंद कर दिए हैं. वहीं रामजस में इंगलिश, जूलॉजी और साख्यिकी मे एडमिशन बंद हो गया है.
लेकिन आरक्षित वर्ग के लिए लगभग सभी विषयों में एडमिशन जारी है. अभी कुछ ही कॉलेजों की दूसरी लिस्ट आई है. पूरी कट ऑफलिस्ट आज जारी की जाएगी. कॉमर्स के लिए हंसराज कॉलेज में 96.75%, KMC में 96.25% कट ऑफ है. अर्थशास्त्र में रामजस का कटऑफ 97 फीसदी है. दूसरी कट ऑफ लिस्ट के आधार पर सोमवार से दाखिला शुरू होगा.
एडमिशन नहीं ले पाए हरियाणा, यूपी और बिहार के छात्र
DU के रामजस कॉलेज ने ओरिजनल सर्टिफिकेट ना होने पर स्टेट बोर्ड के छात्रों को एडमिशन देने से मना कर दिया है. कॉलेज मैनेजमेंट के इस फैसले के चलते हरियाणा, यूपी और बिहार के छात्र एडमिशन नहीं ले पाए. DU प्रशासन ने सभी कॉलेजों से कहा था कि वो प्रोविजनल सर्टिफिकेट के आधार पर भी दाखिला दे सकते हैं, लेकिन रामजस कॉलेज का कहना है कि उसे लिखित में कोई आदेश नहीं मिला है.
दो साल पहले रामजस कॉलेज में फर्ज़ी डॉक्यूमेंट्स के आधार पर 40 एडमिशन कराए गए थे. इसकी जांच में कॉलेज की बहुत किरकिरी हुई थी. उसी के बाद ये कॉलेज एडमिशन प्रोसेस को लेकर फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है.
इस कॉलेज में एडमिशन ले रहे छात्रों से सेक्सुअल हैरेसमेंट के खिलाफ एक शपथ-पत्र भी भरवाया जा रहा है. इस पर कुछ छात्राओं को आपत्ति है. उनका कहना है कि लड़कियों से सेक्सुअल हैरसमेंट फॉर्म भरवाने का क्या मतलब?
महाराजा अग्रसेन कॉलेज में हंगामा
डीयू के महाराजा अग्रसेन कॉलेज में भी शनिवार को खूब हंगामा मचा. यहां बी-टेक कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रॉनिक्स कोर्स की सारी सीटें पहले दिन ही फुल हो गईं. फर्स्ट कट-ऑफ लिस्ट के आधार पर दूसरे दिन एडमिशन लेने पहुंचे छात्रों को दाखिला नहीं मिला तो छात्रों और उनके अभिभावकों ने हंगामा मचा दिया.
प्रिंसिपल ने माना कि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि पहले ही दिन तय सीट से ज्यादा एडमिशन हो जाएंगे. इस कॉलेज में पिछले साल 3 कट-ऑफ लिस्ट निकालने के बाद भी सीटें नहीं भर पाई थीं.