राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को लेकर जहां लोगों की सांसें अटकी हुई हैं वहीं इस पर राजनीति भी हावी है. देश की राजधानी में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है, लेकिन जिम्मेदारी की टोपी एक दूसरे पर पहनाने की कोशिश की जा रही है.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि केजरीवाल पहले खुद अपना काम फिर केंद्र पर आरोप लगाए. दरअसल, डॉ हर्षवर्धन केजरीवाल के उस ट्वीट पर बोल रहे थे जिसमें प्रदूषण के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र को घेरा था.

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि पहले केजरीवाल अपना काम ठीक से करें उसके बाद हमारे बारे में बोलें. प्रदूषण के लिए सिर्फ पंजाब और हरियाणा को दोषी न ठहराएं. खुद भी कुछ काम कर लें. उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल सरकार का काम भी केंद्र को करना पड़ रहा है और उनको हर मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. प्रदूषण को लेकर हमारी पहले 41 टीम काम कर रही थीं, अब 50 टीम काम कर रही हैं.
सूत्रों के मुताबिक दिवाली के वक्त हवा में आने वाले बदलाव को देखते हुए केंद्र ने दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों व अधिकारियों की एक नवंबर को बैठक है. केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि इनमें राज्यों के साथ पराली जलाने की घटनाओं सहित उनकी ओर से किए गए दावों की समीक्षा होगी. आशंका है कि दिवाली के आस-पास दिल्ली एक बार फिर पराली और पटाखों के जहरीले धुएं से गैस चैंबर में तब्दील हो सकती है. तो वहीं डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि केंद्र सरकार प्रदूषण को लेकर लगातार कदम उठा रही है.
गौरतलब है कि सर्दियां शुरू होने से पहले ही दिल्ली-एनसीआर की हवा खतरनाक स्तर पर प्रदूषित हो गई है. ऐसा नहीं है कि ये पहली बार हुआ है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सुबह सैर पर जाने वालों को ऐसा न करने की सख्त हिदायत दी है. इस मौसम में बढ़ते प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह हवा की गति का कम होना है. ऐसे में गाड़ियों से निकलने वाला धुआं वातावरण में ऊपर न जाकर निचले स्तर पर जमा हो जाता है. इसके अलावा हवा में मौजूद नमी की वजह से इसमें धुएं समेत धूल के कण अधिक मात्रा में बने रहते हैं. ऐसे में हमें अपनी आखों के सामने धूल भरा आसमान दिखाई देता है. इस हालत में आंखों में जलन के अलावा, सांस लेने में कठिनाई समेत कई समस्याएं पैदा होती हैं.