scorecardresearch
 

दिल्ली के स्कूल में बनाया गया देशभक्ति पार्क, स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियों से प्रेरित होंगे बच्चे

स्कूल में प्रवेश करते वक्त सबसे पहले बायी तरफ महात्मा गांधी की मूर्ति छात्रों को सत्य, अहिंसा और न्याय के रास्ते चलने का मार्ग सिखाएगी. आगे बढ़ते ही चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, शहीद भगत सिंह, रानी लक्ष्मीबाई, डॉ. बी आर अम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति छात्रों को ये सीख देगी कि चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन राष्ट्रहित सर्वोपरि है. 

Advertisement
X
प्रस्तुति देते स्कूली बच्चे.
प्रस्तुति देते स्कूली बच्चे.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियों से प्रेरित होंगे बच्चे
  • गांधी जी, भगत सिंह, पटेल और अन्य महापुरुषों की लगी है मूर्ति

भारत इस साल अपनी आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है.75 वर्षों में भारत ने नित नए कीर्तिमान हासिल किए हैं.  दिल्ली​ के रोहिणी के सेक्टर-8 में देशभक्ति पार्क बनाया गया है. सर्वोदय विद्यालय के स्कूल प्रशासकों ने इस पार्क में कई स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियों के साथ साथ संविधान की प्रति और अशोक स्तंभ को भी यहां पर स्थापित किया है.

स्वतंत्रता सेनानियों ने आजाद भारत के लिए संघर्ष की गाथा कैसे गढ़ी, इतिहास में अपना नाम कैसे दर्ज​ कराया, अपने उसूलों पर किस तरह अड़े रहे और चु​नौतियां का सामना किया जिस पर आज हम सभी को गर्व होता है. इन्हीं कल्पनाओं को साकार रूप देने के लिए इस पार्क का निर्माण किया गया.

स्कूल के प्रांगण में प्रवेश करते ही दाहिने और बाएं तरफ कुल 12 मूर्तियां लगाई गई हैं. सभी मूर्तियां छह फुट की हैं. इसमें सात मूर्तियां स्वतंत्रता सेनानियों की और तीन मूर्तियां पूर्व राष्ट्रपतियों की लगाई गई है. इसके साथ ही राजकीय चिन्ह अशोक स्तंभ और भारत के संविधान की मूल प्रति भी लगाई गई है.

स्कूल में प्रवेश करते वक्त सबसे पहले बायी तरफ महात्मा गांधी की मूर्ति छात्रों को सत्य, अहिंसा और न्याय के रास्ते चलने का मार्ग सिखाएगी. आगे बढ़ते ही चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, शहीद भगत सिंह, रानी लक्ष्मीबाई, डॉ. बी आर अम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति छात्रों को ये सीख देगी कि चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन राष्ट्रहित सर्वोपरि है. 

Advertisement

इसके साथ ही पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की मूर्ति शिक्षकों के प्रति सम्मान करने का भाव पैदा करेगी. इन सभी मूर्तियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी निचले हिस्से में दी गई है. इसके अलावा उन वीर—वीरांगनाओं की भी तस्वीरें लगाई गई हैं जिनका नाम​ इतिहास के पन्नों में तो दर्ज किया जा चुका है लेकिन उनकी शौर्य गाथा से कई अब भी अनजान हैं.

इस मौके पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जीएनटी से खास बातचीत में बताया कि दिल्ली सरकार की हमेशा से यह कोशिश रही है ​कि वे बच्चों के बेहतर से बेहतर सुविधाओं कि साथ-साथ अच्छा भविष्य दे सकें. देश इस साल आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, उसी तर्ज पर इस पार्क की परिकल्पना आजादी की लड़ाई में जीवन बलिदान करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के रूप में की गई है ताकि भारत के लोग स्वतंत्र एवं शांतिपूर्वक जीवन जी सकें.

विद्यालय की उप प्रधानाचार्या भारती कालरा ने कहा कि बच्चों को हर स्वतंत्रता सेनानी की जीवन गाथा का पाठ पढ़ाने के लिए स्कूल में हर महीने कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी. इस कार्यशाला में बच्चे हर स्वतंत्रता सेनानी के बारे में विस्तार से जानेंगे और स्कीट या कविता के जरिए उसमें भाग भी लेंगे. ये प्रोजेक्ट कार्य देशभक्ति पाठ्यक्रम का हिस्सा रहेगा. छात्रों को इस पाठ्यक्रम की ज्यादातर पढ़ाई देशभक्ति पार्क में ही कराई जाएगी.

Advertisement

स्कूल के प्रधानाचार्य अवधेश झा ने बताया कि स्कूल के इस पाठ्यक्रम के तीन नोडल शिक्षक भी नियुक्त किए जाएंगे जो छात्रों को हर एक मूर्ति के बारे में समझाएंगे. उन्होंने बताया कि अगर किसी अन्य स्कूल को देशभक्ति पाठ्यक्रम की कार्यशाला के लिए स्कूल के देशभक्ति पार्क में आना है तो वो यहां आ सकते हैं और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को और करीब से जान सकते हैं.

(इनपुट- तेजश्री पुरंदरे)

 

Advertisement
Advertisement